भारत के यूक्रेन अन्न गलियारा में शामिल होने की संभावना नहीं : अरिंदम बागची

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के यूक्रेन ‘अन्न गलियारा’ में शामिल होने की संभावना नहीं है और वैश्विक दक्षिण क्षेत्र में विभिन्न देशों को खाद्यान्न सहायता पहुंचाने के लिये भारत के पास द्विपक्षीय तंत्र मौजूद है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के यूक्रेन ‘अन्न गलियारा' में शामिल होने की संभावना नहीं है और वैश्विक दक्षिण क्षेत्र में विभिन्न देशों को खाद्यान्न सहायता पहुंचाने के लिये भारत के पास द्विपक्षीय तंत्र मौजूद है. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अन्न गलियारा में शामिल होने पर विचार कर रहा है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम वैश्विक दक्षिण क्षेत्र में देशों को सहायता पहुंचा रहे हैं. मेरे पास स्पष्टता नहीं है कि हम इसमें (अन्न गलियारा) शामिल होंगे, संभवत: नहीं. हमारा ध्यान दक्षिण-दक्षिण द्विपक्षीय तंत्र पर होगा.''

उन्होंने कहा, ‘‘अभी की स्थिति में मेरे पास यह जानकारी नहीं है कि क्या हम इस पहल में शामिल होना चाहते हैं.'' गौरतलब है कि यूक्रेन के बंदरगाहों से अन्न एवं खाद्य सामग्री के सुरक्षित परिवहन की पहल 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के दौरान रूस एवं यूक्रेन के बीच तुर्किये और संयुक्त राष्ट्र का समझौता है जिसे काला सागर अन्न गलियारा पहल के रूप में जाना जाता है.

यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका के प्रतिबंध के बीच रूस के एक जहाज ने भारतीय बंदरगाह पर लंगर डाला था, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने इस विषय पर कोई नीतिगत बयान नहीं दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘क्या प्रतिबंधित है, क्या नहीं है...यह तकनीकी मामला है और मैं समझता हूं कि तेल प्राप्त करने के मामले में हमने अपनी स्थिति बार-बार स्पष्ट की है.''

ये भी पढ़ें-

Featured Video Of The Day
Cyclone Montha News: चक्रवात मोंथा के कारण कहां-कहां होगी बारिश? | Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article