ठंडे बस्ते में नहीं गया है Free Trade Agreement, भारत-UK के बीच बातचीत जारी, लग सकता है वक्त

इस संबंध में जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बातचीत जारी है, दोनों पक्ष इसे करना चाहता है. जहां तक बयान की बात है तो उस पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins

अगले कुछ दिनों एफटीए को लेकर स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी. 

नई दिल्ली:

ब्रिटेन की भारतीय मूल की गृह मंत्री स्वेला ब्रेवरमैन द्वारा हाल ही में दिए गए बयान से भारतियों में खासा नाराजगी है. उन्होंने हाल में एक पत्रिका को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि भारत से सबसे ज्यादा गैरकानूनी प्रवासी यूके जाते हैं. इस पर भारत सख्त नहीं है. अगर एफटीए (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) होता है, जिसमें भारत ने मांग की है कि वीजा रेजिम आसान की जाए खासकर छात्रों और बिजनेस मैन के लिए, तो ये ओपन बॉर्डर की तरह होगा, जो उनके परिकल्पना के विपरीत है. 

इधर, मंत्री के बयान पर भारत ने जवाब देते हुए कहा कि भारत इलीगल इमिग्रेशन के खिलाफ है. ऐसा होने पर वो कार्रवाई भी करता है. लेकिन यूके ने मोबिलिटी एंड माईग्रशन पार्टनरशिप पर जो वादा किया था, उस पर काम नहीं किया है. भारत ने यूके को ये बात याद दिलाई. हालांकि, इतना सब कुछ होने के बावजूद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर जो जबरदस्त बातचीत चल रही है, उसको लेकर यूके काफी कमिटेड है. वो चाहता है कि ये एग्रीमेंट हो क्योंकि ये उनके लिए भी जरूरी है. 

हालांकि, इसी बीच मंत्री का जो बयान आया है, उसने माहौल बिगाड़ दिया है. एनडीटीवी को मिली जानकारी के अनुसार भारतीय अधिकारियों में इस बात को लेकर नाराजगी है. ऐसे में क्या फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर जो बातचीत चल रही है, वो ठंडे बस्ते में चली जाएगी. यूके की मैगजीन ने यही रिपोर्ट किया है. असल में इतनी नाराजगी है कि पूरी बातचीत कोलैप्स करने के कगार पर है. 

दूसरी तरफ इस संबंध में जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बातचीत जारी है, दोनों पक्ष इसे करना चाहता है. जहां तक बयान की बात है तो उस पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता. कोई अगर अपने नजरिए से कह रहा तो उन्हें उस पर कुछ नहीं कहना. लेकिन वो भी ये नहीं चाहते हैं कि कोई भी भारतीय गैरकानूनी तरीके से यूके जाए और वीजा अवधि से अधिक रुके. 

बहरहाल, ये स्पष्ट है कि दिवाली तक जो एफटीए पर हस्ताक्षर होने वाले थे वो फिलहाल नहीं होगा. हालांकि, ये कैंसल नहीं होगा. वक्त भले ही लग सकता है. सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नवंबर में बाली जाने से पहले लंदन जा सकते हैं. जहां वे कुछ समझौतों पर साइन करेंगे. साथ ही जिस पर चर्चा की जरूरत है, उसपे चर्चा करेंगे. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.  फिलहाल एफटीए को लेकर निगोशिएशन जारी है. अगले कुछ दिनों इसको लेकर स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी. 

यह भी पढ़ें -
-- गोपाल इटालिया के साथ हो रहे अन्याय के पीछे बीजेपी की बदला लेने की नीयत : संजय सिंह

-- SC का फैसला आने तक कर्नाटक के स्कूलों, कॉलेजों में हिजाब पर बैन रहेगा : शिक्षा मंत्री

Advertisement
Topics mentioned in this article