इमरान खान के सहयोगी का दावा- सेना प्रमुख को हटाने के लिए नौ मई की हिंसा की साजिश रची गई

इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भड़की अभूतपूर्व हिंसा के दौरान उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित कई सैन्य और सरकारी इमारतों को आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई.

Advertisement
Read Time: 25 mins
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी उस्मान डार ने कहा है कि खान ने नौ मई की हिंसा और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को हटाने के मकसद से संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की साजिश रची. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार की खबर के अनुसार, खान के भरोसेमंद सहयोगियों में से एक माने जाने वाले डार नौ मई को अर्द्धसैनिक रेंजर द्वारा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख खान की गिरफ्तारी के कारण पाकिस्तान में अशांति फैलने के बाद कथित तौर पर भूमिगत हो गए थे.

खान की गिरफ्तारी के बाद भड़की अभूतपूर्व हिंसा के दौरान उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित कई सैन्य और सरकारी इमारतों को आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई. डार, खान की पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं वाले संगठन ‘टाइगर फोर्स' के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे. वह बुधवार को फिर से सामने आए और एक टीवी कार्यक्रम में खान के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए.

डार ने दावा किया कि नौ मई की हिंसा में संवेदनशील प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की साजिश खान की अध्यक्षता में एक बैठक में रची गई थी और पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी की स्थिति में इन पर हमला करने के निर्देश दिए गए थे. डार ने कहा कि नौ मई की हिंसा का मकसद सेना पर दबाव बनाना और जनरल मुनीर को उनके पद से हटाना था. डार ने कहा कि नौ मई तो महज एक तारीख थी, सेना के खिलाफ साजिश लंबे समय से रची जा रही थी. डार ने कहा, ‘‘(खान के आवास पर बैठकों में) इस बात पर चर्चा हुई कि दबाव बनाने के लिए यदि आवश्यक हो तो सरकारी संस्थानों पर हमला करना चाहिए.''

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘जब पुलिस ने खान को गिरफ्तार करने का प्रयास किया तो उन्होंने लाहौर के जमान पार्क स्थित अपने आवास पर विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से पार्टी कार्यकर्ताओं को बुलाया. दरअसल, खान ने उन्हें सुरक्षा एजेंसियों से मुकाबला करने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया.'' खान बृहस्पतिवार को 71 साल के हो गए. उन्हें इस साल पांच अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. खान वर्तमान में रावलपिंडी की अदियाला जेल में हैं.

Advertisement

डार ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार को शीघ्र आम चुनाव की तारीख घोषित करने को लेकर मजबूर करने के लिए खान के नेतृत्व में अक्टूबर 2022 की रैली सेना प्रमुख के रूप में जनरल मुनीर की नियुक्ति को रोकने के लिए आयोजित की गई थी. डार ने साक्षात्कार के दौरान खान की पार्टी और राजनीति छोड़ने के अपने फैसले की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि पार्टी में एक विमर्श गढ़ा गया था कि खान की गिरफ्तारी को हर कीमत पर विफल किया जाना चाहिए. इसके बाद, पार्टी कार्यकर्ता खान की गिरफ्तारी को रोकने के लिए उनके आवास पर एकत्र हो गए.

Advertisement

इस बीच, ‘नेशन' अखबार की खबर के अनुसार तीखी प्रतिक्रिया में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने कहा कि डार के साक्षात्कार का न तो जनता की नजर में कोई महत्व है और न ही कानूनी वैधता है. पार्टी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि अज्ञात अपहरणकर्ताओं की हिरासत में 24 दिन बिताने के बाद एक निजी टीवी चैनल पर डार की उपस्थिति ने निस्संदेह खुद अपहरणकर्ताओं को बेनकाब कर दिया. डार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उन करीब 200 नेताओं और पूर्व सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने नौ मई की हिंसा के बाद खान का साथ छोड़ दिया.

Advertisement

ये भी पढ़ें- 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Hathras Stampede: कहां है बाबा? सेवादार बोला अंदर आश्रम में, पुलिस बोली-यहां नहीं
Topics mentioned in this article