पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि नौ मई को सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के सरगना पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान थे और उसका मकसद सैन्य नेतृत्व को अपदस्थ करना था. पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष खान (70) की भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद नौ मई को पूरे देश में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे. बाद में खान को रिहा कर दिया गया था. उक्त प्रदर्शनों के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी इमारतों को निशाना बनाया गया था और रावलपिंडी स्थित सेना के मुख्यालय को भी दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के करीब 100 वाहनों में भी आग लगा दी थी.
शहबाज शरीफ ने जियो समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि पुरुष, महिलाएं, कुछ सैन्यकर्मी और उनके परिवार नौ मई की घटना में संलिप्त हैं जिसे शक्तिशाली सेना ने ‘काला दिवस' घोषित किया है.
उन्होंने कहा, ‘‘ नौ मई की घटना में संलिप्त लोग सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकना चाहते थे.''
प्रधानमंत्री ने कहा कि उक्त घटना की साजिश रचने वाले देश में ‘अराजकता' और ‘युद्ध' चाहते थे.
जियो न्यूज ने शरीफ के हवाले से बताया पीटीआई अध्यक्ष खान नौ मई की घटना के सरगना हैं.
हिंसक प्रदर्शन के बाद कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने पूरे पाकिस्तान से करीब 10 हजार पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जिनमें से करीब चार हजार अकेले पंजाब सूबे में गिरफ्तार किए गए.
खान के मुताबिक हिंसा में पीटीआई के करीब 16 कार्यकर्ता मारे गए जबकि पुलिस ने मृतकों की संख्या 10 बताई है.
खान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले को लेकर कई मुकदमों का सामना कर रहे हैं. इस समय वह आतंकवाद, हत्या और ईशनिंदा के करीब 150 मुकदमों का सामना कर रहे हैं. खबरों के मुताबिक उन्हें उनके लाहौर के जमां पार्क स्थित निजी आवास में नजरबंद करके रखा गया है.
ये भी पढ़ें :
* पाकिस्तान की जांच एजेंसी ने साइफर मामले में फिर पूर्व पीएम इमरान खान को भेजा समन
* "सिफर विवाद का फिर से उभरना मुझे अयोग्य घोषित करने की स्पष्ट कोशिश..": इमरान खान
* IMF ने पाकिस्तान के लिए 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को दी मंजूरी