तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में अपनी कार्यकारी सरकार के आतंकी सूची वाले सदस्यों पर अमेरिकी (America) बयान को दोहा समझौते (Doha Agreement) का उल्लंघन बताया है. तालिबान ने बयान जारी कर कहा है कि हक्कानी परिवार (Haqqani Network) के सदस्य इस्लामिक अमीरात का हिस्सा रहे हैं और इनका अलग से अपना कोई नाम या संगठन नहीं है. तालिबान ने कहा है कि दोहा समझौते के मुताबिक यूएन और अमेरिकी ब्लैक लिस्ट से तमाम सदस्यों को निकाला जाना चाहिए. ऐसा नहीं करना अमेरिका और अफगानिस्तान दोनों के हित में नहीं होगा. अमेरिका को इस तरह के उकसाने वाले बयान से बचना चाहिए.
इसके साथ ही तालिबान ने आरोप लगाया है कि अमेरिका और अन्य देश अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं. तालिबान ने कहा है कि इस्लामिक अमीरात इसकी कड़ी निंदा करता है.
गौरतलब है कि अमेरिका ने तालिबानी कैबिनेट में आतंकियों को शामिल किए जाने पर चिंता जताई है. तालिबान की कैबिनेट में पीएम अखुंद और आंतरिक मामलों के मंत्री बनाए गए सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम शामिल है. अमेरिका ने इन पर प्रतिबंध जारी रखने की बात की है जिसके जवाब में तालिबान ने यह बयान जारी किया है.
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