बुधवार को दुनिया के लिए एक राहत भरी खबर आई. अमेरिका और कतर ने घोषणा की कि इजरायल और हमास युद्ध विराम के लिए सहमत हो गए हैं. हालांकि इस समझौते का विस्तृत रूप सामने नहीं आया है. लेकिन कहा जा रहा है कि यह समझौता तीन चरणों वाला होगा. इसमें युद्ध को रोकने के साथ-साथ कैदियों की अदला-बदली और युद्ध में तबाह हुए गाजा का पुननिर्माण भी शामिल है. इस समझौते को अभी इजरायल के कैबिनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है.मंजूरी मिलने के बाद से यह समझौता रविवार से लागू हो सकता है. समझौते की घोषणा के बाद भी इजरायल ने गाजा पर हमला नहीं रोका है.कल के बाद से हुए हमलों में अब तक 80 से अधिक लोग मारे गए हैं. इस बीच एक बड़ा सवाल अभी भी है, जिसका उत्तर आना बाकी है, वह यह कि गाजा को चलाएगा कौन.
कितने चरण में लागू होगा युद्धविराम समझौता
राष्ट्रपति कार्यालय से विदा होने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस समझौते की घोषणा की. इसे उनके कार्यकाल की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. बाइडन ने युद्धविराम समझौते की जानकारी देते हुए कहा कि इसका पहला चरण छह हफ्ते का होगा. उन्होंने बताया कि समझौते के तहत हमास बंधक बनाए गए लोगों को छोड़ेगा और इसराइल उन फलस्तीनियों को रिहा करेगा, जो उसके यहां कैद में हैं. हमास इसके तहत पहले 33 लोगों को रिहा करेगा. इनमें महिलाएं, बच्चे और 50 साल से अधिक आयु के पुरुष शामिल होंगे.
बाइ़डन के मुताबिक पहले चरण में इजरायली सैनिक गाजा के आबादी वाले इलाको से हट जाएंगे और फलस्तीनी नागरिक अपने घरों को वापस लौट सकेंगे. इसके साथ ही गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने की रफ्तार बढ़ाई जाएगी.
पहले चरण के 16 वें दिन से दूसरे चरण के लिए बातचीत शुरू होगी. इस चरण में बाकी बचे बंधकों कि रिहाई, स्थायी युद्धविराम और गाजा से इजरायली सैनिकों की पूरी तरह से वापसी शामिल होगी.यह युद्धविराम तब तक जारी रहेगा, जब तक दूसरे और तीसरे चरण की वार्ता चलती रहेगी.
युद्धविराम समझौते के दूसरे चरण में क्या होगा
इस समझौते के दूसरे चरण में बाकी बचे इजरायली बंधकों की रिहाई और फलस्तीनी कैदियों की रिहाई सुनिश्चित की जाएगी. माना जा रहा है कि इजरायल करीब एक हजार फलस्तीनी कैदियों को रिहा कर सकता है. इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हत्या के दोष में सजा काट रहे फलस्तीनी नागरिक इस अदला-बदली में रिहा नहीं किए जाएंगे.
इस समझौता के तीसरे चरण में गाजा के पुनर्निर्माण का काम शुरू होगा. गाजा का पुनर्निर्माण मिश्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में होगा.इस काम में कई साल का समय लग सकता है, क्योंकि युद्ध में गाजा पूरी तरह से तबाह हो चुका है. तीसरे चरण में हमास के कब्जे में मारे गए बंधकों के शव इजरायल को सौंपे जाएगे.
अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि इस समझौते को हमास ने अपनी लिखित मंजूरी दे दी है. वहीं इस समझौते को अभी इजरायल की कैबिनेट की भी मंजूरी चाहिए. इसे आज मंजूरी मिल जाने की संभावना है. इस बीच इजरायली विदेश मंत्री अपना यूरोप दौरा बीच में ही छोड़कर स्वदेश लौट आए हैं.
कौन करेगा गाजा पर शासन
इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस युद्ध विराम समझौते के तीनों चरण के पूरा होने के बाद गाजा पर नियंत्रण किसका होगा. इजरायल पहले ही हमास के खात्मे की बात कर चुका है. वह कह चुका है कि गाजा में हमास का कोई भी हस्तक्षेप उसे स्वीकार नहीं होगा. हमास का 2007 से गाजा पर नियंत्रण है. वह गाजा में फलस्तीन प्राधिकरण के शासन के भी खिलाफ है. यह प्राधिकरण करीब तीन दशक पहले हुए ओस्लो समझोते के तहत वेस्ट बैंक में सीमित शक्तियों वाली सरकार चला रहा है. वेस्ट बैंक पर इजरायल का शासन है. इजरायल युद्ध खत्म होने के बाद भी गाजा पर अपना सैन्य नियंत्रण चाहता है, जिससे हमास को फिर से पनपने का मौका न मिल सके. इसलिए वह अमेरिका और कतर से गाजा को चलाने के लिए एक अस्थायी प्रशासन पर चर्चा कर रहा है.
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