पिग हार्ट ट्रांसप्लांट के पहले मरीज की सर्जरी के दो महीने बाद मौत

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सिस्टम ने एक बयान में कहा कि 57 साल के डेविड बेनेट का 8 मार्च को निधन हो गया, उनका 7 जनवरी को हार्ट प्रत्यारोपण हुआ था

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
यह तस्वीर जनवरी 2022 की है जिसमें डेविड बेनेट के साथ बायीं ओर सर्जन डॉ बार्टले ग्रिफिथ दिखाई दे रहे हैं.
वाशिंगटन:

जेनेटेकली मॉडिफाइड सुअर के हार्ट का जिस मरीज में प्रत्यारोपण किया गया था उसकी ट्रांसप्लांट के दो माह बाद मौत हो गई. यह सर्जरी चिकित्सा जगत में मील का पत्थर मानी गई थी. यह सर्जरी करने वाले अस्पताल ने बुधवार को यह जानकारी दी. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद आशा व्यक्त की गई थी कि क्रॉस-प्रजाति अंग दान से उपलब्ध मानव अंगों की कमी की समस्या हल हो सकती है. हालांकि ऑपरेशन करने वाली टीम का कहना है कि वह अभी भी भविष्य में सफलता मिलने के प्रति आशावादी हैं.

मैरीलैंड मेडिकल सिस्टम यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा कि 57 वर्षीय डेविड बेनेट का 7 जनवरी को हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था, आठ मार्च को उनका निधन हो गया.

बयान में कहा गया है कि "कई दिन पहले उनकी हालत बिगड़ने लगी थी. यह स्पष्ट हो जाने के बाद कि वे ठीक नहीं होंगे, उनकी कॉम्पॉजिनेट पल्लीएटिव देखभाल की गई. वह अपने अंतिम घंटों के दौरान अपने परिवार के साथ बातचीत करने में सक्षम थे."

Advertisement

अस्पताल ने कहा कि सर्जरी के बाद, प्रत्यारोपित हृदय ने अस्वीकृति के किसी भी लक्षण के बिना कई हफ्तों तक बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था.

Advertisement

अपनी सर्जरी के बाद बेनेट ने परिवार के साथ समय बिताया. उन्होंने फिजिकल थेरेपी भी कराई. उन्होंने अक्सर अपने कुत्ते लकी को देखने के लिए घर जाने की इच्छा के बारे में बात की.

Advertisement

ट्रांसप्लवांट की प्रक्रिया का नेतृत्व करने वाले सर्जन बार्टले ग्रिफिथ ने कहा, "वह एक बहादुर और महान मरीज साबित हुए, जिन्होंने अंत तक लड़ाई लड़ी. हम उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं."

Advertisement

बेनेट अक्टूबर 2021 में पूर्वी अमेरिकी राज्य मैरीलैंड के अस्पताल में आए थे. उन्हें आपातकालीन जीवन रक्षक मशीन पर रखा गया था. उन्हें मानव प्रत्यारोपण के लिए अयोग्य माना गया था.

यूनिवर्सिटी के कार्डियक ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन प्रोग्राम के निदेशक मोहम्मद मोहिउद्दीन ने कहा, "हमने यह सीखते हुए अमूल्य अंतर्दृष्टि प्राप्त की है कि जब प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह काम न करे, जेनेटिकली मॉडीफाइड सुअर का दिल मानव शरीर के भीतर अच्छी तरह से काम कर सकता है."

उन्होंने कहा कि "हम आशावादी बने हुए हैं और भविष्य के क्लीनिकल ट्रायल में अपना काम जारी रखने की योजना बना रहे हैं."

अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों से यह भी पता चला कि बेनेट को 1988 में एक व्यक्ति को  चाकू मारने का दोषी ठहराया गया था. इस हमले से पीड़ित को लकवा मार गया था और 2005 में उसको मृत्यु से पहले उसे व्हीलचेयर का उपयोग करना पड़ता था.

चिकित्सा नैतिकतावादियों का मानना है कि किसी व्यक्ति के पिछले आपराधिक इतिहास का उसके भविष्य के स्वास्थ्य उपचार पर कोई असर नहीं होना चाहिए. 

Featured Video Of The Day
Raja Raghuvanshi Murder Case: सोनम पर पति की हत्या के आरोप पर क्या बोलीं राजा रघुवंशी की मां?
Topics mentioned in this article