Earthquake in Nepal : नेपाल में एक के बाद एक लगातार भूकंप से झटके महसूस किए जा रहे हैं. शुक्रवार रात आए भूकंप में 157 से अधिक लोगों की मौत हुई. इसके बाद रविवार को 3.6 तीव्रता वाले एक और भूकंप के झटके ने नेपाल (Nepal Earthquake) को हिलाकर रख दिया. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप सुबह 4 बजकर 38 मिनट पर काठमांडू से 169 किमी उत्तर पश्चिम में 10 किमी की गहराई पर आया.
वहीं, शनिवार दोपहर को 3.3 की तीव्रता वाले एक दूसरे झटकों ने भूकंप प्रभावित नेपाल के सामने आने वाली चुनौतियों को और बढ़ा दिया है.
नेपाल में शुक्रवार रात आए जोरदार भूकंप से 157 की मौत
बता दें कि यह शुक्रवार रात नेपाल मे आए जोरदार भूकंप के बाद आया है, जो कि नेपाल में आठ साल में आया सबसे भीषण भूकंप रहा. नेपाल में शुक्रवार रात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप के कारण देश के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में कम से कम 157 लोगों की मौत हो गई और 160 से अधिक लोग घायल हैं, जबकि सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए. यह नेपाल में 2015 के बाद से सबसे विनाशकारी भूकंप है.नेपाल में 2015 में आये 7.8 तीव्रता के भूकंप में लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 से अधिक लोग घायल हुए थे.
इस भूकंप के झटके काठमांडू और इसके आसपास के जिलों में, और यहां तक कि पड़ोसी देश भारत की राजधानी नयी दिल्ली तक महसूस किये गए थे.
सुरक्षा एजेंसियों को बचाव और राहत कार्य तुरंत करने के निर्देश
प्रधानमंत्री प्रचंड ने सुरक्षा एजेंसियों को बचाव और राहत कार्य तुरंत करने के निर्देश दिए हैं.नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल ने व्यापक क्षति को स्वीकार करते हुए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का आकलन किया. सरकार ने हेलीकॉप्टरों के माध्यम से बचाव अभियान चलाने के लिए नेपाल सेना, नेपाली प्रहरी और सशस्त्र पुलिस बल को तैनात किया है. इसके साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों को भी तेजी से तैनात किया गया है, जो आसपास के जिलों से आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति से लैस हैं.
राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने भूकंप में जान-माल के नुकसान पर जताया दुख
राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने भी भूकंप में जान-माल का नुकसान होने पर दुख व्यक्त किया है. राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक, उन्होंने सरकार और सभी संबंधित एजेंजियों से भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित करने की अपील की है.
जाजरकोट और रुकुम जिले भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित
शुक्रवार को आए भूकंप में पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट और रुकुम जिले भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. नेपाल गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, भूकंप से अबतक 157 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि इनमें से 105 लोगों की मौत जाजरकोट में और 52 की मौत रुकुम जिले में हुई है. अधिकारियों ने बताया कि जाजरकोट, रुकुम पश्चिम, दाइलेख और जुमला जिलों में 160 से अधिक लोग घायल हुए हैं.उन्होंने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है.
भारत ने भी नेपाल को हर संभव सहायता करने की पेशकश की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल में भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान पर शनिवार को दुख व्यक्त किया और कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश के साथ एकजुटता से खड़ा है और उसे हर संभव मुहैया कराने के लिए तैयार है.
इस वजह से नेपाल में अक्सर आते रहते हैं भूकंप
नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. दरअसल नेपाल, हिमालय पर्वतमाला की उस श्रृंखला पर स्थित है, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं और ये हर सदी एक-दूसरे के तकरीबन दो मीटर नजदीक आ रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं.
नेपाल स्थित राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र में वरिष्ठ भूकंप वैज्ञानिक भरत कोइराला ने बताया, ‘‘भारतीय और यूरेशिया की टेक्टॉनिक प्लेटों में लगातार टक्कर हो रही है जिससे बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है.'' उन्होंने कहा कि नेपाल इन दोनों प्लेटों की सीमा पर है, जो भूकंप के मामले में अतिसक्रिय इलाकों में आता है और इसलिए नेपाल में भूंकप आना सामान्य है.