क्या डोनाल्ड ट्रंप 20 अप्रैल को मार्शल लॉ जैसा आदेश कर सकते हैं लागू? जानें क्यों हो रही ये चर्चा

अमेरिका के 1807 के विद्रोह अधिनियम के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति कुछ स्थितियों में कानून को लागू करने के लिए सेना और यूएस नेशनल गार्ड की तैनाती की अनुमति दे सकते हैं. यह सेना को किसी भी विद्रोह, बगावत या हिंसा को पूरी तरह से दबाने का अधिकार देता है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अमेरिका में ऐसी चर्चा हैं कि ट्रंप 1807 के विद्रोह अधिनियम को लागू कर सकते हैं.
वॉशिंगटन डीसी:

क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 अप्रैल को मार्शल लॉ जैसा कानून लागू कर सकते हैं ? ये सवाल इसलिए सबके मन में आ रहा है क्योंकि 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने जिन पहले कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे, उनमें से एक संयुक्त राज्य अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर 'राष्ट्रीय आपातकाल' घोषित करना था. उस आदेश में एक क्लॉज़ भी था कि राष्ट्रपति ट्रंप '1807 के विद्रोह अधिनियम को लागू कर सकते हैं". संभवतः कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर होने के 90 दिन बाद यानी 20 अप्रैल को अमेरिकी धरती पर सेना तैनात कर दी जाएगी.

राष्ट्रपति ट्रंप के 20 जनवरी के कार्यकारी आदेश में यह प्रावधान था कि 'इस घोषणा की तिथि से 90 दिनों के भीतर, रक्षा सचिव और गृह सुरक्षा सचिव संयुक्त राज्य अमेरिका की दक्षिणी सीमा की स्थितियों के बारे में राष्ट्रपति को एक संयुक्त रिपोर्ट देंगे. साथ ही अतिरिक्त कार्रवाई के संबंध में सिफारिशें करेंगे. जो दक्षिणी सीमा पर पूर्ण परिचालन नियंत्रण के लिए आवश्यक हो सकती हैं, जिसमें 1807 के विद्रोह अधिनियम को लागू करना भी शामिल है.'

1807 का विद्रोह अधिनियम क्या है?

1807 के विद्रोह अधिनियम के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति कुछ स्थितियों और परिस्थितियों में कानून को लागू करने के लिए सेना और यूएस नेशनल गार्ड की तैनाती की अनुमति दे सकते हैं. यह सेना को किसी भी विद्रोह, बगावत या हिंसा को पूरी तरह से दबाने का अधिकार देता है. 

Advertisement

20 जनवरी के कार्यकारी आदेश में बताई गई 90 दिनों की अवधि समाप्त होने में अब एक सप्ताह से भी कम समय बचा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड 'विद्रोह अधिनियम लागू करेंगे; तथा 20 अप्रैल को सेना तैनात करेंगे.

Advertisement

हालांकि विद्रोह अधिनियम, मार्शल लॉ से कुछ अलग है. मार्शल लॉ प्रशासन और राज्य के मामलों को चलाने का पूरा नियंत्रण एक सैन्य जनरल को देता है. जो कि आमतौर पर रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख या सेना प्रमुख के पास होता है.  वहीं विद्रोह अधिनियम में राज्य और प्रशासन की शक्तियां अमेरिकी राष्ट्रपति के पास होती हैं. जो कानून और व्यवस्था को लागू करने के लिए सैन्य शक्तियों का उपयोग करता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Murshidabad Violence: Mamata Banerjee ने इमामों को दे डाली ये सलाह... | Waqf Protest | Waqf Law