अमेरीकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक्शन में दिख रहे हैं. अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चीन (China) को बड़ा झटका दिया है. डोनाल्ड ट्रंप ने शर्ते नहीं मनाने पर चीन को टैरिफ लगाने की चेतावनी दे दी है. टिकटॉक (Tiktok) के बहाने ट्रंप ने टैरिफ की शर्त रखी है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन से हम कम चार्ज करते हैं, चीन पर हम भारी टैरिफ लगा सकते हैं. मेरे आने से पहले चीन ने अमेरिका को कुछ नहीं दिया है. लगातार फायदा उठाया है.
क्या ट्रंप चीन पर सख्त, एक्सपर्ट से जानें
पूर्व राजनयिक अशोक सज्जनहार ने कहा कि ट्रंप का दूसरा कार्यकाल उनके पहले कार्यकाल से बिल्कुल अलग है. क्योंकि उनके पास पहले से ज्यादा आत्मविश्वास है और तजुर्बा भी. इसके साथ ही उनको पार्टी का पूरे तरीके से साथ मिल रहा है. ट्रंप जो बयान देते आ रहे हैं, वो बेहद ही आक्रामक है. चीन को लेकर उनका रवैया मिला जुला देखने को मिल रहा है. जब चुनाव प्रचार हो रहा था, तब ट्रंप ने कहा कि हम चीन के ऊपर 60 फीसदी टैरिफ लगा देंगे. लेकिन इसके बाद उन्होंने अलग रवैया दिखाया. जैसे कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को बुलावा भेजा शपथ के लिए और उन्होंने उनसे फोन पर बात की. टिकटॉक को सुप्रीम कोर्ट ने बैन कर दिया था. लेकिन ट्रंप ने उन्हें रियायत दी. ये उनका मिला जुला रवैया है. हालांकि बावजूद इसके उनका अप्रोच चीन को लेकर नहीं बदलेगा. उनकी सारी कैबिनेट चीन के प्रति सख्त है. जो कि चीन पर प्रेशर बनाए रखेंगे.
ट्रंप के आने से पाक को कितना नफा-नुकसान
डोनाल्ड ट्रंप जब अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं, ऐसे में क्या पाकिस्तान पर इसका क्या असर होगा. इस पर पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने कहा कि ट्रंप जब पहले आए थे, तब भी पाक को मुश्किल वक्त देखना पड़ा था. अब फिर ऐसे ही कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान को मुश्किल वक्त देखने को मिल सकता है. वहीं इमरान की पार्टी को उम्मीद है कि ट्रंप के आने से इमरान खान बाहर आ सकते हैं. पाकिस्तान ट्रंप के आने को बहुत बढ़िया नहीं मान रहा है. पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ से लोन लेकर काम चला रहा है. वहीं भारत-अमेरिका के काफी नजदीक है. जिसमें आपकी फॉरेन पॉलिसी का काफी अहम रोल है. यही वजह है कि पाकिस्तान यही सोच रहा है कि ट्रंप के दौर में चीजों को कैसे बैलेंस किया जाए.
ट्रंप की पॉलिसी चीन पर फोकस
विदेशी मामलों के जानकर कमर आगा ने कहा कि मुझे ट्रंप की पॉलिसी चीन पर फोकस नजर आती है. वो पाकिस्तान को भी चीन की मौजूदगी से देखते हैं. पाकिस्तान की बेसिक पॉलिसी ये है कि वो चाहता है कि चीन से उसके सामरिक रिश्ते बने रहे लेकिन ट्रेड रिश्ते अमेरिका के साथ अच्छे हो जाए. दूसरी तरफ भारत है, भारत का ट्रेड काफी ज्यादा है. फिर हमारे सामरिक रिश्ते बढ़िया है और मिलिट्री कॉपरेशन उनके साथ लगातार बढ़ रहा है. ट्रंप से पहले भी भारत के रिश्ते अमेरिका के साथ ज्यादा बुरे नहीं थे. लेकिन कोविड की वजह से बहुत ज्यादा चीजें नहीं हो पाई. पाकिस्तान और ईरान उनके सामने एक समस्या बनी हुई है.