रात की अपेक्षा दिन में कोरोना जांच कराने वालों के नतीजे ज्यादा प्रभावी: रिसर्च  

शोधकर्ताओं ने कहा कि नतीजों में सामने आया कि ‘वायरल लोड’ रात आठ बजे के बाद कम हो जाता है. अगर लोग उस समय जांच करवाएंगे तो गलत नतीजे आने की आशंका बढ़ जाएगी.

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वाशिंगटन:

कोरोना जांच (Corona Test) को लेकर लगातार शोध (Researchj) जारी है. जांच के तरीके और उसके परिणामों पर भी लगातार चर्चा होती रही है. अब कोरोना टेस्ट के समय को लेकर भी एक रिसर्च स्टडी सामने आयी है. कोरोना वायरस जांच की संवेदनशीलता इस पर निर्भर कर सकती है कि जांच दिन के किस समय कराई जा रही है. जांच के नतीजे, जांच कराने वाले व्यक्ति के शरीर की ‘जैविक घड़ी' के अनुसार भी बदल सकते हैं.

‘जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल रिदम्स' नाम की शोध पत्रिका में मंगलवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह पता चला है. अध्ययन में पाया गया कि यदि कोई रात की अपेक्षा दिन के आसपास के समय जांच कराता है तो उसकी जांच में संक्रमण की पुष्टि होने की सटीकता दोगुना बढ़ जाती है.  

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शोधकर्ता ने कहा है कि अध्ययन के नतीजे उस अनुमान से मेल खाते हैं कि कोविड-19 वायरस शरीर में हमारे 24 घंटे के सोने-जगने की आंतरिक प्राकृतिक प्रक्रिया से प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि अन्य वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण पर हुए अध्ययन के नतीजों में भी यह पाया गया है. 

अमेरिका के वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय में प्रोफेसर कार्ल जॉनसन ने कहा कि दिन के वक्त में कोविड-19 की जांच कराने से जांच की संवेदनशीलता बढ़ती है और बिना लक्षण वाले लोगों में संक्रमण का पता लगाने में सहायता मिलती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि नतीजों में सामने आया कि ‘वायरल लोड' रात आठ बजे के बाद कम हो जाता है. अगर लोग उस समय जांच करवाएंगे तो गलत नतीजे आने की आशंका बढ़ जाएगी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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