कमाल है चीन! दुनिया में पहली बार इंसानों के साथ हाफ-मैराथन दौड़े 21 रोबोट- जानिए कौन जीता

बीजिंग के यिजुआंग हाफ-मैराथन में 21 ह्यूमनॉइड रोबोट भी हजारों इंसानों के साथ शामिल हुए. दुनिया में यह पहली बार हुआ जब इन मशीनों में 21 किमी की दौड़ में मनुष्यों के साथ दौड़ लगाई. 

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दुनिया में पहली बार इंसानों के साथ हाफ-मैराथन दौड़े 21 रोबोट

चीन कमाल है, वहां की टेक्नोलॉजी कमाल है. शनिवार, 19 अप्रैल को बीजिंग में यिजुआंग हाफ-मैराथन में 21 ह्यूमनॉइड रोबोट भी हजारों इंसानों के साथ शामिल हुए. दुनिया में यह पहली बार हुआ जब इन मशीनों में 21 किमी की दौड़ में मनुष्यों के साथ दौड़ लगाई. 

मैराथन में टॉप करने वाला रोबोट बीजिंग इनोवेशन सेंटर ऑफ ह्यूमन रोबोटिक्स का बनाया तियांगोंग अल्ट्रा था, जिसने रेस खत्म करने में 2 घंटे और 40 मिनट लगाए. वहीं रेस को जीतने वाले पुरुष विजेता ने उसके आधे से भी कम समय लिया, केवल 1 घंटा 2 मिनट.

जब स्टार्टिंग लाइन पर बंदूक की आवाज के साथ रेस शुरू हुआ तो लाउडस्पीकर पर चीनी पॉप सॉन्ग "आई बिलीव" बज रहा था. रोबोट एक-एक करके कतार में खड़े थे और अपना गोली की आवाज के साथ उन्होंने दौड़ना शुरू किया.

प्रतियोगिता में चीन भर से लगभग 20 टीमें भाग ले रही थीं. इसमें 75 से 180 सेंटीमीटर (2.46 से 5.9 फीट) लंबे और 88 किलोग्राम (194 पाउंड) वजन तक वाले रोबोट शामिल थे. कुछ खुद से दौड़ रहे थे, जबकि दूसरों को इंजीनियरों द्वारा दूर से ऑपरेट किया जा रहा था. ध्यान रहे कि मशीनें और इंसान अलग-अलग ट्रैक पर दौड़ रहे थे. 

मैराथन में दौड़ता रोबोट
Photo Credit: एएफपी

बीजिंग ई-टाउन की मैनेजमेंट कमिटी के को-डायरेक्टर लियांग लियांग ने दौड़ से पहले एएफपी को बताया, "रेस ट्रैक पर उतरना इंसानों के लिए एक छोटा कदम लग सकता है, लेकिन ह्यूमनॉइड रोबोट के लिए यह एक बड़ी छलांग है. जब वो यह बात कर रहे थे तब पास में, इंजीनियर अपनी मशीनों के साथ जॉगिंग कर रहे थे.

इंजीनियरों ने एएफपी को बताया कि इस मैराथन लक्ष्य रोबेट के प्रदर्शन और विश्वसनीयता का परीक्षण करना था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दौड़ को जीतना नहीं, बल्कि उसे पूरा करना मुख्य उद्देश्य था.

कई रोबोट ने कंट्रोल भी लूज किया
Photo Credit: एएफपी

नोएटिक्स रोबोटिक्स के 28 वर्षीय इंजीनियर कुई वेन्हाओ ने हाफ-मैराथन के बारे में कहा, "मुझे लगता है कि यह पूरे रोबोटिक्स इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा बूस्ट है.. ईमानदारी से कहूं तो, पूरे इंडस्ट्री के लिए इतनी लंबी दूरी या समय में पूरी गति से चलने के बहुत कम अवसर हैं. यह बैटरी, मोटर, स्ट्रक्चर - यहां तक ​​कि एल्गोरिदम के लिए भी एक गंभीर परीक्षण है."

इनपुट- एएफपी, रॉयटर्स

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