Canada Election 2025 Result : कनाडा में फिर से लिबरल पार्टी की सरकार लेकिन पार्टी बहुमत से दूर
कनाडा की लिबरल पार्टी ने एक बार फिर आम चुनाव में जीत हासिल कर ली है और मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी फिर से पीएम की कुर्सी पर काबिज होने के लिए तैयार हैं. हालांकि लिबरल पार्टी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है और उस सरकार बनाने के लिए किसी अन्य पार्टी से गठबंधन करना पड़ेगा. लिबरल पार्टी ने कुल 343 संसदीय सीटों में से सीटों पर कब्जा किया है. वहीं दूसरी ओर पियरे पोइलिवरे के नेतृत्व में कंजर्वेटिव पार्टी के हाथ... सीटें लगी हैं. लिबरल पार्टी को आखिरी बार 2015 में बहुमत हासिल हुआ था. लेकिन 2019 और 2021 में उसे बहुमत नहीं मिला और पार्टी ने गठबंधन सरकार चलाया. एक बार फिर कनाडा में ऐसा ही होने जा रहा है.
कनाडा के लिए इस बार का आम चुनाव बहुत अहम रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस चुनाव में कनाडा के लोगों ने केवल अपने प्रधानमंत्री को ही चुना बल्कि साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार कनाडा को अमेरिका में शामिल करने के बयान का भी मुंहतोड़ जवाब दिया है. बता दें कि ट्रंप ने लगातार कनाडा को अमेरिका में मिलाकर उसे देश का 51वां राज्य बनाने की बात कही है और उसकी संप्रभुता को ही चुनौती दी है.
ट्रंप फैक्टर के आते बदला चुनाव का रुख, कार्नी ने कैसे जीता चुनाव
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले तक लिबरल पार्टी कंजर्वेटिवों के हाथों आसानी से हारती दिख रही थी, लेकिन ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत होती ही मामला उलट गया. ट्रम्प की टैरिफ नीति ने कनाडा की अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल लाद दिए और इसने कई कनाडाई लोगों को नाराज कर दिया. इस डेवलपमेंट ने ट्रंप के साथ उनकी समानता के कारण पोइलिवरे और कंजर्वेटिव पार्टी को भी बैकफुट पर डाल दिया.
पूर्व प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो का हटना भी लिबरल जीत के लिए महत्वपूर्ण था, जिसने कनाडाई राजनीतिक इतिहास में सबसे नाटकीय बदलावों में से एक को जन्म दिया. 6 जनवरी को ट्रूडो ने घोषणा की कि वह इस्तीफा देंगे, और इस दिन अधिकांश सर्वे में कंजर्वेटिव पार्टी ने लिबरल पार्टी पर 20 से अधिक अंकों की बढ़त बना ली थी. वजह थी कि ट्रूडो के सत्ता में एक दशक बिताने के बाद बढ़ती महंगाई पर मतदाताओं का गुस्सा बढ़ गया था. लेकिन जैसे ही ट्रूडो की जगह कार्नी ने ली और ट्रंप के बारे में देशभर में बेचैनी बढ़ी, पूरा चुनाव का प्लॉट ही बदल गया.
दो दशकों से संसद में रहे 45 वर्षीय पोइलिवरे के लिए यह परिणाम एक करारी हार है. कई बार ट्रंप के लिए जाहिर किए गए उनके मौन गुस्से के लिए उनकी आलोचना की गई, लेकिन उन्होंने कहा कि वह घरेलू चिंताओं पर ध्यान केंद्रित रखना चाहते थे. उन्होंने वोटरों को यह समझाने की कोशिश की कि कार्नी असफल उदारवादी शासन को जारी रखने की पेशकश करेंगे. लेकिन नतीजों को देखकर लगता है कि यह तर्क काम नहीं कर पाया.
कैसे बनेगी सरकार?
हाउस ऑफ कॉमन्स में लिबरल सबसे बड़ी पार्टी हो सकती है, लेकिन फिर भी बहुमत के लिए जरूरी 172 के आंकड़े से पीछे रह सकती है. यदि ऐसा होता है तो सबसे संभावित परिदृश्य यह है कि वे प्रधान मंत्री के रूप में मार्क कार्नी के साथ एक अल्पमत सरकार बनाएंगे, जहां वे अविश्वास मत से बचने और संसद में कानून पारित करने के लिए अन्य दलों के साथ गठबंधन करेंगे. दूसरी नंबर पर मौजूद कंजर्वेटिव पार्टी को छोड़ दें तो
- ब्लॉक क्यूबेकॉइस - जिसके केवल क्यूबेक में उम्मीदवार हैं - वर्तमान में 25 सीटों पर आगे है.
- जगमीत सिंह की नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) एनडीपी फिलहाल 10 सीटों पर आगे चल रही है और हाउस ऑफ कॉमन्स में आधिकारिक पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए जरूरी 12 सीटों से पीछे रह सकती है.
- ग्रीन्स दो सीटें जीतने की ओर अग्रसर हैं.