- सिडनी के बोंडी बीच पर यहूदियों के त्योहार के दौरान बाप-बेटे ने सामूहिक गोलीबारी कर पंद्रह लोगों की हत्या की
- ऑस्ट्रेलियाई PM एंथनी अल्बनीज ने हमलावरों की इस्लामिक स्टेट की विचारधारा से प्रेरणा होने की संभावना जताई
- 24 वर्षीय नवीद अकरम 2019 में खुफिया एजेंसी के ध्यान में आया था पर खतरा नहीं माना गया था
ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के बोंडी बीच पर यहूदियों के त्योहार के बीच कत्लेआम (Bondi Beach Shooting) मचाने वाली आतंकी बाप-बेटे की जोड़ी "इस्लामिक स्टेट की विचारधारा" से प्रेरित थी. यह संभावना खुद ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीज ने मंगलवार, 16 दिसंबर को जताई. दरअसल साजिद अकरम और उनके बेटे नवीद ने रविवार की शाम इस फेसमस समुद्र तट पर यहूदी हनुक्का उत्सव को निशाना बनाकर सामूहिक गोलीबारी की और 15 मासूम लोगों को मौत के घाट उतार दिया. मरने वालों में 10 साल की बच्ची से लेकर 87 साल के बुजुर्ग तक शामिल थे.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने हमले को आतंकवाद का यहूदी विरोधी कदम बताया है. लेकिन उनकी तरफ से अब तक इस हमले के पीछे की गहरी सोच क्या था, इसके बारे में बहुत कम जानकारी दी गई है. अब पीएम अल्बनीज ने मंगलवार को पहला संकेत दिया कि इस आतंकी बाप-बेटे को "सामूहिक हत्या" करने से पहले कट्टरपंथी बनाया गया था.
पीएम अल्बनीस ने एक बार फिर बताया कि 24 वर्षीय नवीद अकरम 2019 में ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसी के ध्यान में आया था. तक उससे पूछताछ हुई थी लेकिन उस समय उसे आने वाले वक्त के लिए खतरा नहीं माना गया था. उन्होंने कहा, “दूसरों के साथ जुड़ाव के कारण वह (नवीद) उनका ध्यान आकर्षित कर रहा था. जिन लोगों से वह जुड़ा था, उनमें से दो पर आरोप लगाए गए और वे जेल गए, लेकिन उस समय नवीद को पर्सन ऑफ इंटरेस्ट के रूप में नहीं देखा गया था."
अब उसी नवीद और उसके पिता ने लंबी-नाली वाली बंदूकें लेकर समुद्र तट पर लोगों को 10 मिनट तक गोलियों से छलनी किया. पुलिस ने गोली मारकर 50 वर्षीय पिता साजिद को मार गिराया. नवीद को गिरफ्तार कर लिया गया और अब वह गंभीर चोटों के कारण पुलिस सुरक्षा के तहत अस्पताल में कोमा में है.














