बांग्लादेश के एक न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) ने गुरुवार, 10 जुलाई को प्रदर्शनकारियों की मौत के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिए. शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप है.
मीडिया में आई खबर के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक अब्दुल्ला अल मामून के खिलाफ पिछले साल जुलाई-अगस्त में छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों को दबाने के उनके प्रयासों के लिए मानवता के विरुद्ध अपराध का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है.
‘बीडीन्यूज24' समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, मामून ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और मामले में सरकारी गवाह बनने के लिए याचिका दायर की है. खबर के मुताबिक, तीनों में से केवल मामून जेल में हैं. बाकी दो आरोपियों - हसीना और खान - की अनुपस्थिति में मुकदमा चलेगा. पिछले वर्ष अवामी लीग सरकार के अपदस्थ होने के बाद हसीना पांच अगस्त को भारत चली गई थीं.
इससे पहले मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण अनुरोध से निपटने में ‘‘विवेक और नैतिकता'' का ध्यान रखने का आग्रह किया. बांग्लादेश ने पिछले साल दिसंबर में भारत को एक पत्र भेजकर हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था. भारत ने औपचारिक राजनयिक पत्र मिलने की पुष्टि की थी, लेकिन इस पर कोई और टिप्पणी नहीं की थी.
यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, 'हम भारत से विवेक और नैतिकता को ध्यान में रखते हुए कार्य करने का आग्रह करते हैं.' उन्होंने कहा, 'लंबे समय से, भारत शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश के वैध अनुरोध को मानने से इनकार करता रहा है.'
अवामी लीग ने मीडिया रिपोर्ट पर चिंता जताई
बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की कथित लीक ऑडियो रिकॉर्डिंग पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट पर चिंता जताई है. अवामी लीग पार्टी ने इसे 'झूठा और विकृत' बताया है. दरअसल 'बीबीसी' ने बुधवार को रिपोर्ट में बताया कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कथित रूप से जुलाई में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 'घातक बल' के इस्तेमाल का आदेश दिया था. यह दावा एक कथित लीक ऑडियो के आधार पर किया गया.
इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अवामी लीग ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 'प्रधानमंत्री, बंगबंधु की पुत्री और अवामी लीग अध्यक्ष शेख हसीना' से जुड़ी झूठी और तोड़-मरोड़कर पेश की गई रिपोर्ट का बीबीसी के जरिए प्रसारण दुर्भाग्यपूर्ण, अप्रत्याशित और अकल्पनीय है. पार्टी ने रिपोर्ट को 'केवल एक निराधार 18-सेकंड के तथाकथित ऑडियो क्लिप' पर आधारित बताया.