बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार का गठन, नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस ने ली चीफ की शपथ

बंगभवन (बांग्लादेश के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास) पर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस और उनकी टीम ने शपथ ली. यूनुस अंतरिम सरकार के चीफ बने हैं. राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अंतरिम सरकार को शपथ दिलाई.

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ढाका:

बांग्लादेश में सियासी उलटफेर (Bangladesh Crisis) और शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद गुरुवार को अंतरिम सरकार का गठन हो गया. बंगभवन (बांग्लादेश के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास) पर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने अंतरिम सरकार के चीफ के तौर पर शपथ ली. राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अंतरिम सरकार को शपथ दिलाई. यूनुस के साथ ही अंतरिम सरकार में कुल 16 सदस्य शामिल किए गए हैं. इनमें से आज 13 सदस्यों ने शपथ ली है. बाकी 3 को जल्द ही शपथ दिलाई जाएगी. अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहम्मद यूनुस को बधाई दी हैं. पीएम मोदी ने कहा, "उम्मीद है कि बांग्लादेश में जल्द हालात सामान्य होंगे. वहां हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जाएगी." 

अंतरिम सरकार में शामिल किए गए ये लोग
मोहम्मद यूनुस के साथ अंतरिम सरकार में 13 अन्य सलाहकारों ने भी शपथ ली है. इनके नाम हैं:-
-सलाउद्दीन अहमद (बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर)
-डॉ. आसिफ नजरूल (ढाका यूनिवर्सिटी लॉ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर)
-अदिलुर रहमान खान (सचिव, ओधिकार)
-एएफ हसन आरिफ (पूर्व अटॉर्नी जनरल और कार्यवाहक सरकार के पूर्व सलाहकार)
-तौहीद हुसैन (पूर्व विदेश सचिव)
-सइदा रिजवाना हसन (बांग्लादेश एनवायन्मेंटल लॉयर्स एसोशिएशन-BELA के चीफ एग्जिक्यूटिव)
-ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर्ड) एम सखावत हुसैन (पूर्व चुनाव आयुक्त)
-फरीदा अख्तर (रिसर्च ऑन डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स UBIG की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर)
-खालिद हसन (हिफाजते इस्लाम बांग्लादेश के पूर्व नायब अमीर)
-नूर जहां बेगम (ग्रामीण बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर)
-ब्रती शर्मिन मुर्शीद (ब्रती के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर)
-नाहिद इस्लाम (छात्र आंदोलन के को-ऑर्डिनेटर)
-आसिफ महमूद (छात्र नेता)

इन 3 सदस्यों को बाद में दिलाई जाएगी शपथ
सर्पोदीप चकमा, बिधान रंजन रॉय और फरूक ए अजाम भी अंतरिम सरकार में शामिल किए गए हैं. उन्हें बाद में शपथ दिलाई जाएगी.

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मोहम्मद यूनुस को 2006 में मिला नोबेल पुरस्कार
मोहम्मद यूनुस जाने माने अर्थशास्त्री, सोशल वर्कर और बैंकर हैं. उन्हें बांग्लादेश में गरीबी मिटाने का जरिया बताने के लिए नोबेल पुरस्कार मिल चुका है. मोहम्मद यूनुस को ‘गरीबों का दोस्त' और ‘गरीबों का बैंकर' कहा जाता है. 2006 में मोहम्मद यूनुस और उनके ग्रामीण बैंक नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

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2007 में बनाई थी राजनीतिक पार्टी
मोहम्मद यूनुस ने 2007 में अपनी एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी. इसका नाम 'नागरिक शक्ति' रखा था. वो 2008 में चुनाव लड़ने वाले थे. लेकिन किन्ही कारणों से ऐसा हो नहीं पाया.

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नागरिकों को सुरक्षा का दिया आश्वासन
शपथ ग्रहण के लिए मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार दोपहर को ही पेरिस से ढाका पहुंचे थे. उन्होंने एयरपोर्ट पर ही आर्मी चीफ वकार-उज-जमान, सिविल सोसाइटी के लोगों और कुछ छात्र नेताओं से मुलाकात की थी. यूनुस ने बांग्लादेश के लोगों को एक ऐसी सरकार देने का वादा किया है, जो अपने नागरिकों को सुरक्षा का आश्वासन देती हो. उन्होंने बांग्लादेश के पुनर्निर्माण में भी मदद करने की बात कही.

कहां हैं शेख हसीना?
5 अगस्त को हुई हिंसा के बाद शेख हसीना ढाका छोड़कर भारत आ गई थीं. गाजियाबाद के पास हिंडन एयरबेस पर उनका हेलिकॉप्टर उतरा था. उसके बाद से हसीना के अगले कदम को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि 76 साल की शेख हसीना का प्लान यूके में शरण लेने का है. हालांकि, वहां की सरकार ने पॉजिटिव संकेत नहीं दिए हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट में ऐसी भी खबरें हैं कि हसीना अमेरिका या UAE या फिर फिनलैंड जा सकती हैं.

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हिंसा में अब तक 560 मौतें
बांग्ला अखबार 'प्रथोम आलो' की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के हिंसा में तब्दील होने के बाद बुधवार को कम से कम 21 लोगों की मौत हुई. 5 अगस्त को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अब तक कुल 232 लोगों की मौत हो चुकी है. 23 दिनों चल रही हिंसा में अब तक 560 लोग जान गंवा चुके हैं. 
 

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