साउथ कोरिया में क्यों हो रहा पाकिस्तान आर्मी और मुनीर का विरोध? 

साउथ कोरिया में अभी एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APCE) शिखर सम्मेलन होने जा रहा है और इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति भी शामिल होंगे. लेकिन सवाल है कि यहां पाकिस्तान का विरोध क्यों हो रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • साउथ कोरिया में बलूच नेशनल मूवमेंट ने पाकिस्तानी सेना की बलूचिस्तान में आक्रामक कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन
  • प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान की मानवीय स्थिति पर स्थानीय लोगों में अंग्रेजी और कोरियाई भाषा में पम्पलेट बांटे
  • बीएनएम ने पाकिस्तानी सेना पर युद्ध अपराध का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबदेही की मांग की
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

दक्षिण कोरिया में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. इस सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति भी शामिल होंगे. इस बीच दक्षिण कोरिया के बुसान में बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) ने बलूचिस्तान के जेहरी में जारी पाकिस्तानी सैन्य घेराबंदी और आक्रामक कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान की मानवीय स्थिति से अवगत कराने और अपनी पीड़ा बांटने के लिए दक्षिण कोरिया के स्थानीय लोगों में अंग्रेजी और कोरियाई भाषा में पंफलेट बांटे. बलूचिस्तान के लोगों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना पहले लोगों को घर से ले जाती है और फिर उनकी हत्या कर देती है.

बीएनएम कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तानी सेना पर बलूच लोगों के खिलाफ युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेना को जवाबदेह ठहराने की जरूरत पर जोर दिया. प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में 'जेहरी की घेराबंदी समाप्त करो!', 'बलूचिस्तान के लिए न्याय!' और 'बलूच नरसंहार बंद करो!' वाला बैनर लेकर विरोध जताया.

इसके अलावा, उन्होंने दक्षिण कोरिया में स्थानीय लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए जेहरी में तबाह हुए घरों और पीड़ित परिवारों की तस्वीरें भी दिखाईं.

बीएनएम ने कहा, "पाकिस्तानी सेना द्वारा हाल ही में किए गए हवाई हमलों में 10 बच्चों सहित 20 से ज्यादा नागरिक मारे गए हैं और 50 से ज्यादा युवकों को जबरन गायब कर दिया गया है. उन्होंने जेहरी में मानवीय संकट का भी विस्तार से जिक्र किया, जिसमें भोजन, पानी और दवाओं की भारी कमी, अस्पतालों को सैन्य ठिकानों में बदलने और नागरिकों की आवाजाही पर 24 घंटे के कर्फ्यू की बात कही."

बीएनएम ने विरोध प्रदर्शन में शामिल एक शख्स के हवाले से कहा, "जेहरी खून से लथपथ है और दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए." इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से तुरंत हस्तक्षेप करने और जेहरी तक मानवीय सहायता की पहुंच सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

पिछले हफ्ते, बीएनएम ने नीदरलैंड के उट्रेच शहर में बलूचिस्तान के जेहरी क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के आक्रमण की निंदा करते हुए एक विरोध प्रदर्शन किया था. इस विरोध प्रदर्शन में बीएनएम के सदस्य और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हुए. उन्होंने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के आक्रमण, जबरन गुमशुदगी और व्यापक मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ नारे वाली तख्तियां और बैनर भी रखे थे.

Advertisement

दक्षिण कोरिया में प्रदर्शन के अलावा बीएनएम ने अमेरिका में व्हाइट हाउस के बाहर एक जागरूकता अभियान भी चलाया. बीएनएम कार्यकर्ताओं ने जेहरी में चल रहे मानवाधिकार उल्लंघनों और बिगड़ती स्थिति पर प्रकाश डालते हुए पंफलेट बांटे. बीएनएम द्वारा बांटे गए पंफलेट में पाकिस्तान को एक "आतंकवादी राज्य" बताया गया, जो "बलूच और अन्य उत्पीड़ित राष्ट्रों" के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करता है.

यह भी पढ़ें: भारत के 'दुश्मन' जाकिर नाइक का स्वागत करने को बांग्लादेश तैयार, आखिर वहां चल क्या रहा है?

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War: रूसी Nuclear Missile से खौफ में दुश्मन! Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article