- ऑस्ट्रेलियाई संसद में बुर्का पहन विरोध जताने वाली पॉलिन हैनसन की लोकप्रियता में जबर्दस्त उछाल आया है
- वन नेशन पार्टी को हालिया सर्वे में लगभग 15 प्रतिशत समर्थन मिला, जो पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक है
- पॉलिन हैनसन एंटी इमिग्रेशन विचारों के लिए चर्चित हैं और उन्होंने बुर्का बैन को लेकर संसद में प्रदर्शन किया था
ऑस्ट्रेलिया की संसद में पिछले महीने बुर्का पहनकर प्रदर्शन करने वाली धुर दक्षिणपंथी सीनेटर पॉलिन हैनसन की पार्टी की लोकप्रियता में जबर्दस्त उछाल आया है. इस घटना के महज एक हफ्ते के अंदर ही उनकी वन नेशन पार्टी को पसंद करने वालों की संख्या इतनी बढ़ गई, जितनी पिछले 25 साल में नहीं बढ़ी थी.
संसद में बुर्का पहन जताया था विरोध
ऑस्ट्रेलियाई संसद के ऊपरी सदन सीनेट में 24 नवंबर को उस समय हंगामा खड़ा हो गया था, जब वन नेशन पार्टी की नेता पॉलिन हैनसन बुर्का पहनकर संसद में आ गई थीं. देश में बुर्के पर बैन की मांग करते हुए उन्होंने यह अनोखा प्रदर्शन किया था. उन्हें जब बुर्के और पूरा चेहरा ढकने वाले नकाब पर बैन लगाने वाला बिल पेश करने की इजाजत नहीं मिली तो वह बुर्का पहनकर संसद में आ गई थीं. इस पर उन्हें 7 दिन के लिए सीनेट से सस्पेंड किया गया था.
वन नेशन को मिला ऐतिहासिक समर्थन
लेकिन इस अनोखे विरोध प्रदर्शन की वजह से पॉलिन हैनसन की पार्टी की लोकप्रियता में भारी उछाल देखने को मिला है. हाल ही में रॉय मॉर्गन नाम की एक सर्वे एजेंसी ने पूरे ऑस्ट्रेलिया में लोगों से पूछा कि वे किस पार्टी को पसंद करते हैं. इस सर्वे में 5,248 लोगों से बात की गई. नतीजा चौंकाने वाला था- वन नेशन पार्टी को 14 प्रतिशत समर्थन मिला. पार्टी के लिए पिछले लगभग 25–27 वर्षों में यह सबसे बड़ा समर्थन माना जा रहा है.
कट्टर प्रवासी विरोधी नेता हैं पॉलिन हैनसन
वन नेशन पार्टी की नेता हैनसन 1990 के दशक से ही तीखे एंटी इमिग्रेशन विचारों के लिए चर्चित हैं. 2017 में भी उन्होंने बुर्के पर राष्ट्रीय प्रतिबंध के लिए बुर्का पहनकर संसद में प्रदर्शन किया था. पॉलिन हैनसन का समर्थन अचानक इतना क्यों बढ़ा, बुर्का विरोध के अलावा इसकी कई और वजहें भी मानी जा रही हैं.
लोकप्रियता की ये भी वजहें
दरअसल ऑस्ट्रेलिया में इस वक्त महंगाई काफी बढ़ी हुई है. किराए के मकानों और घरों की कीमतें काफी ज्यादा हैं. रहने-खाने का खर्च लोगों पर भारी पड़ रहा है. ऊपर से विदेशी प्रवासियों की लगातार बढ़ती संख्या भी लोगों की परेशानी का सबब बन रहा है. ऑस्ट्रेलियन डॉट कॉम ने रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर मिशेल बुलॉक के हवाले से चेताया है कि राजकोषीय घाटा बढ़ने की वजह से ब्याज दरों में और इजाफा हो सकता है.
...तो बन सकती हैं सीनेट की बड़ी ताकत
ऑस्ट्रेलिया के आम लोगों में अपने भविष्य को लेकर चिंता है. ऐसे में वन नेशन इसी तरह के मुद्दों को उठाकर वोटरों का ध्यान खींच रही है. जानकारों का मानना है कि बड़ी पार्टियों के कमजोर होने और लोगों पर बढ़ते आर्थिक बोझ के चलते वन नेशन को फायदा हो रहा है. आने वाले चुनावों में अगर यह रुझान ऐसे ही बना रहा तो वन नेशन पार्टी सीनेट में बड़ी ताकत बन सकती है और नीतियों में बदलाव का दबाव बना सकती है.














