यूक्रेन (Ukraine) में अमेरिका (US) के कथित सैन्य जैविक शोध (Bio Research) से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) रूस (Russia) के अनुरोध पर शुक्रवार को बैठक बुलाएगी. संयुक्त राष्ट्र में रूस के पहले उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पॉलींस्की ने गुरुवार को ट्वीट में इस बारे में जानकारी दी.रूस का मानना है कि यूक्रेन में अमेरिकी रक्षा विभाग के बायो लैब्स (Bio Labs) का एक नेटवर्क काम कर रहा है और ये सभी लैब अमेरिका के सैन्य जैविक हथियार कार्यक्रम का हिस्सा हैं.
रूस के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसे यूक्रेन के जैविक प्रयोगशालाओं के कर्मचारियों से दस्तावेज प्राप्त हुए हैं. इन दस्तावेज़ों से जल्दबाज़ी में खतरनाक रोगाणुओं को खत्म किए जाने की पुष्टि होती है. गुरुवार को रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि यूक्रेन में अमेरिकी पैसे से चल रहीं लैब्स "घातक जीवाणुओं के गुप्त प्रसार का तंत्र" बना रहीं थीं.
गुरुवार को, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन में अमेरिका ने इन बायोलैब्स को पैसा मुहैया कराया है और इन सभी लैब ने घातक रोगाणुओं को फ़ैलाने के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर काम किया.
अमेरिका ने रूस के इस आरोप को हास्यास्पद कहकर खारिज कर दिया है और कहा है कि रूस रासायनिक या जैविक हथियार का इस्तेमाल करने के लिए बहाने ढूढ़ रहा है.
हालांकि, मंगलवार को, यूक्रेन के मुद्दे पर सीनेट की विदेश मामलों से जुड़ी समिति की सुनवाई के दौरान गवाही में अमेरिका के राजनीतिक मामलों के अपर सचिव विक्टोरिया न्यूलैंड ने स्वीकार किया कि यूक्रेन में जैविक अनुसंधान लैब काम कर रहे हैं
साथ ही मंगलवार को, चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से यूक्रेन में अपनी जैविक प्रयोगशालाओं का विवरण जारी करने का आह्वान किया और संबंधित पक्षों से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
चीन के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक डेली प्रैस ब्रीफिंग में कहा, "ख़ासतौर से अमेरिका लैब्स को बहुत अच्छे से जानता है. उसे संबंधित जानकारी जल्द से जल्द जारी करनी चाहिए. अमेरिका को यह बताना चाहिए कि कौनसे वायरस स्टोर किए गए थे और क्या रिसर्च चल रही थी."