अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के फ़र्स्ट वाइस प्रेसिडेंट अमरुल्लाह सालेह ने ख़ुद को केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित किया है. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट में कहा कि अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफा या मृत्यु होने की स्थिति में एफवीपी कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है. मैं वर्तमान में अपने देश के अंदर हूं और वैध देखभाल करने वाला राष्ट्रपति हूं. मैं सभी नेताओं से उनके समर्थन और आम सहमति के लिए संपर्क कर रहा हूं.
खुद को केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित करने से पहले अमरुल्लाह ने कहा कि वे तालिबान के सामने घुटने कभी नहीं टेकेंगे. एक अन्य ट्वीटर में उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थित पर अमेरिकी राष्ट्रपति से बहस करना अर्थहीन है. अफगानों को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी. अमेरिका और नाटो ने भले ही अपना हौसला खो दिया हो लेकिन हमारी उम्मीद अब भी कायम है. सालेह ने ट्वीट में कहा प्रतिरोध खत्म हो चुका है और उन्होंने अफगानिस्तान के समर्थकों से तालिबान के खिलाफ लड़ाई में साथ आने की अपील की है.
अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट किया है कि वह सभी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं ताकि उनका समर्थन हासिल किया जा सके और सहमति बनाई जा सके. अभी की बात करें तो पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और शांति परिषद प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित कई अफगान नेता काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से वार्ता कर रहे हैं.
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कल सोमवार को अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट कर पाकिस्तान पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मेरी मिट्टी में.. लोगों के साथ.. एक कारण और उद्देश्य के लिए.. धार्मिकता में दृढ़ विश्वास के साथ, पाक समर्थित दमन और क्रूर तानाशाही का विरोध करना हमारी वैधता है.