साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 31 जुलाई को मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट से बरी होने के बाद भोपाल अपने आवास पर पहुंचीं. साध्वी प्रज्ञा ने मालेगांव विस्फोट मामले में PM मोदी और योगी आदित्यनाथ का नाम लेने से इनकार किया. साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों ने दबाव में रखा लेकिन उन्होंने किसी का नाम झूठा नहीं लिया.