Virat Kohli कैसे बनते हैं? जो लड़का सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को अपनी प्रेरणा मानता था वो आज सचिन से भी आगे निकल गया. जो सचिन विराट के आदर्श थे, वहीं सचिन आज विराट के कायल नजर आ रहे हैं. विराट ने ये कैसे किया? कोई भी ये कैसे कर सकता है? ये सिर्फ क्रिकेट की तकनीक का मामला नहीं है. जिंदगी का फलसफा है. अनुष्का (Anushka Sharma) से सचिन का रिकॉर्ड तोड़ने तक, विराट ने जो चाहा पाया. कैसे? Australia के खिलाफ World Cup Final में भी उनसे भारी उम्मीद है. इनकी तरह ‘महामानव’ बनना है तो एकाग्रता चाहिए. थोड़ी सी झिझक होगी तो बेस्ट नहीं बन पाएंगे. मन और शरीर अलग-अलग जगह होंगे तो बेस्ट नहीं हो सकते. स्वामी विवेकानंद (Swami Viveknand) ने कहा था- शिक्षा का सार एकाग्रता है. क्रिकेट से शिक्षा तक और बाकी किसी भी क्षेत्र के लिए एकाग्रता ही सफलता की कुंजी है. हर क्षण मोबाइल के नोटिफिकेशन से ध्यान भटकाने वाले युवाओं के लिए विराट, शमी और मैक्सवेल वाकई यूथ आइकन हैं. तो जाइए जो हासिल करना चाहते हैं उसके पीछे लग जाइए. कामयाबी जरूर मिलेगी. बस अर्जुन की तरह मछली की आंख देखिएगा. कुछ और नजर नहीं आना चाहिए.