हमारा समाज भले ही कितनी भी तरक्की कर गया हो लेकिन मानसिक रोगियों के प्रति अभी भी हम बदलने को राजी नहीं है. कुछ ऐसी ही कहानी शिवानी की है, जो अपने घर जाने की ख्वाहिश मन में पाले हैं. हमारे सहयोगी सुशील महापात्र ओडिशा ऐसे आश्रम गए जहां मानसिक रोगियों का इलाज चल रहा है. यहां रहने वाले मरीज अपने घर वालों का इंतज़ार कर रहे हैं. देखिए ये exclusive रिपोर्ट.