गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के समर्थक कई बार नारे लगाते थे कि गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना है. गोरखपुर में योगी ही बीजेपी माने जाते हैं और योगी ही बीजेपी. वह इतने बड़े नेता है कि अगर उनकी निगाह टेढ़ी हो जाए तो वह बीजेपी के उम्मीदवार को भी हरवा चुके हैं. पिछले 28 साल से गोरखपुर की लोकसभी सीट के ऊपर गोरखनाथ मठ का कब्जा रहा है. चाहे वो योगी आदित्यनाथ के पास रही हो या उनके गुरू महंत अवैद्यनाथ के पास. लेकिन 28 साल के बाद एक नामालूम बैकवर्ड नेता ने उनके उम्मीदवार को हरा दिया. यह हार क्यों हुई, इसके पीछे क्या कारण हैं. देखिए यह खास शो