रवीश कुमार का प्राइम टाइम : क्यों नाराज हैं किसान मोदी सरकार के अध्यादेश से?

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  • प्रकाशित: जुलाई 21, 2020
खेती के सवाल को आप सिर्फ उस फ्रेम तक ही सीमित नहीं रख सकते हैं जिसमें हमेशा एक किसान खेतों में होता है. हल जोत रहा होता है या ट्रैक्टर चला रहा होता है या सूखा पड़ने पर आसामान की तरफ देख रहा होता है. ऐसी तस्वीरें किसानों की दिनचर्या हैं. इसलिए सबसे पहले हमें खेती और किसानों को ऐसी तस्वीरों के फ्रेम से निकालना होगा. उसी तरह हमें किसानों को समझने और देखने का भी नज़रिया बदलना होगा. सामाजिक दूरी बनाते हुए ट्रैक्टर से विरोध प्रदर्शन के इस रचनात्मक प्रदर्शन से आप यह बिल्कुल न समझें कि किसान डीज़ल के बढ़े हुए दामों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. हर समय पेट्रोल और डीज़ल के बढ़े हुए दामों का विरोध किसान ही करें यह ज़रूरी नहीं. मिडिल क्लास अगर 81 रुपये लीटर डीज़ल के दे सकता है तो हमारे किसान मिडिल क्लास से क्यों पीछे रहें. ट्रैक्टर के पीछे ट्रैक्टर , प्रतीकात्मक हैं. बहरहाल, किसानों का विरोध उन तीन अध्यादेशों को लेकर जो जून के महीने में केंद्र सरकार ने लाए हैं. इन्हें कृषि सुधार से संबंधित अध्यादेश कहा जाता है. कोरोना के बीच में इन तीन सुधारों की आवश्यकता क्यों पड़ी, सरकार बता सकती है. संसद में बहस का इंतज़ार क्यों नहीं किया गया, सरकार बता सकती है.

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