चीन का शिनज्यांग प्रांत उइघर मुस्लिम बहुल है. शहर के अंदर शहर नज़र आता है. एनडीटीवी की सहयोगी कादंबिनी शर्मा का पहला पड़ाव शिनजियांग के उरुमची का ग्रांड बाजार रहा. यहां परंपरागत उइघर मस्जिदें, चहल पहल से भरा बाज़ार, नाचते गाते लोग दिखाई दिए. शिनजियांग पहले आतंकी हमलों के कारण खबरों में रहा और अब उइघर मुस्लिमों को वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर में रखने के नाम पर हिरासत में रखने का आरोप है. लेकिन इन ट्रेनिंग सेंटर या डिटेनशन सेंटर जैसा मानवाधिकार कार्यकर्ता बताते हैं उन तक पहुंचने के पहले उन्हें कुछ और तस्वीरें दिखाई गईं. शिनज्यांग म्यूजियम के भीतर चीन और इस प्रांत से जुड़ी चीज़ें यहां पर रखी गई हैं. इसका मकसद आम लोगों तक इस जगह का असल इतिहास पहुंचाना है क्योंकि यहां की सरकार का मानना है कि अलगाववादियों ने झूठा इतिहास बता कर लोगों को भड़काया है. इसके अलावा यहां उन्हें एक और प्रदर्शनी दिखाई,जो आम लोगों के लिए खुली नहीं है. अधिकारियों या पत्रकारों को आतंकी हमलों की भयावहता दिखाने के लिए यहां लाया जाता है. इस प्रदर्शनी में बदूंके, धारदार हथियार, बम आदि रखे हैं. इतना ही नहीं यहां बम से चीथड़े उडें हुए इंसानी शरीरों, गला काट कर हत्या कर दिए गए पीड़ितों की भी भयावह तस्वीरें भी हैं. इस प्रदर्शनी में 47 आतंकी हमलों से जुड़ी तस्वीरें और हथियार रखे गए हैं. मकसद ये है कि दुनिया समझे कि आतंक के खिलाफ जो लड़ाई वो लड़ रहा है, उसी ग्लोबर टेरर का मुकाबला चीन भी कर रहा है. इसके बाद हमारी सहयोगी आक्सू के वेन्सू काउंटी वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर पहुंची जहां उइघर मुस्लिमों को रखा जाता है. यहां उन्हें मंदारिन सिखाने के अलावा खाना बनाने, सिलाई और डांस करने जैसी कई चीजें सिखाई जाती हैं. यहां कई लोगों से हमारी सहयोगी ने बात भी की और असल हालात को समझने की कोशिश की है.(यह खबर 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित की गई थी)