मध्यप्रदेश में इन दिनों खाद, बीज और कीटनाशकों में मिलावट के खिलाफ जैसे अभियान सा छिड़ा हुआ है. दुकानों में इनकी सैंपलिंग हो रही है और सैकड़ों नमूने मानकों पर फेल हो रहे हैं. इससे ये एक बड़ी सच्चाई सामने आ रही है कि हमारे किसानों की बदहाली और आत्महत्याओं के पीछे एक बड़ी वजह नकली और मानकों पर खरे न उतरने वाले बीज, खाद और कीटनाशक भी रहे हैं. हमारे सहयोगी अनुराग द्वारी ने मध्यप्रदेश के झाबुआ में सचिन जोशी और हरदा में अब्दुल समद के साथ मिलकर इसकी पड़ताल की. साथ ही प्रस्तावित बीज विधेयक 2019 के जरिए ये भी समझने की कोशिश की कि नया कानून बन जाने से हालात में क्या बदलाव आएगा. क्या किसानों के हित ज्यादा सुरक्षित होंगे या बड़ी कंपनियों के आगे उनकी लाचारी और बढ़ जाएगी.