नागरिकता कानून आने के बाद नागरिकता देने के लिए रामपुर में बसे जिन आठ हजार हिंदू शरणार्थियों के नाम सरकार को भेजी गई है वह कहते हैं कि उन्हें नागरिकता की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें आरक्षण की आस जरूर है. उनका कहना है कि हमारे पास से वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड से लेकर सभी तरह की जरूरी दस्तावेज हैं लेकिन उन्हें आरक्षण की जरूरत है, जो उन्हें अभी तक नहीं मिला है.