दिल्ली दंगों (Delhi Riots) का एक साल हो चुका है. पिछले एक साल में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को जांच से संबंधित मामलों में पुलिस को जो फटकार मिली है, उसकी तहकीकात से पता चलेगा कि दिल्ली पुलिस कहां-कहां पेशेवर तरीके से जांच में असफल रही है. हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court) ने तीन आरोपियों जुनैद, चांद मोहम्मद और इरशाद को बेल दी, तीनों 11 माह जेल में बंद थे. अदालत ने कहा कि ये तीनों 11 माह बिना किसी कसूर के जेल में बंद थे. एक अन्य मामले में कोर्ट का कहना है कि पुलिस न्यायिक प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल कर रही है और सिस्टम को हल्के में ले रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि दिल्ली पुलिस के पेशेवर रवैये और स्वतंत्रता की घोर कमी है. हाल ही में ट्विटर टूल किट केस में भी दिल्ली पुलिस की जांच पर गंभीर प्रश्न खड़े किए गए हैं...
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