उत्तर प्रदेश में एक नया अध्यादेश लाया गया है. इस अध्यादेश में सूबे की प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ को एक समान कानून में पिरोने की कोशिश की गई है. इस अध्यादेश के एक प्रावधान में लिखी हुई एक बात, पूरे विस्तार से समझ में नहीं आई. प्रावधान में लिखा है कि अगर कोई एंटी नेशनल हुआ तो उसके लिए ये प्राइवेट यूनिवर्सिटी ज़िम्मेदार होंगी. आखिर सरकार स्टूडेंट्स को ये कौन सा सबक सिखाना चाहती है. इसी अहम मुद्दे पर, खबरों की खबर में तीन सवाल है कि एंटी नेशनल की परिभाषा क्या है ? क्या राज्य सरकार के पास है कोई ख़ास जानकारी ? क़ानून का इंतज़ार न कर अध्यादेश लाने के पीछे क्या है मंशा ?