Uttarkashi Cloudburst: ये इंसानी तासीर है...जब वो कोई जिद पकड़ लेता है तो उसे पूरा जरूर करता है...विकास करना था तो पहाड़ों की सीना चीरकर सड़के बनाईं...और अब जब त्रासदी की शक्ल में कुदरत हिसाब बराबर कर रही है..तो भी जिद है..जुनून है ...किसी भी कीमत पर दोबारा सड़क बनाएंगे..जो रास्ते टूट गए उन्हें ठीक करेंगे...राहत सामग्री पहुंचाएंगे..धराली को फिर से पैरों पर खड़ा करेंगे..इसके लिए हमारे जवान दिन रात मेहनत कर रहे हैं...भटवारी, गंगरानी, समेत दूसरे इलाकों में रोड बनाने का काम हो रहा है...हर्षिल के पास मिलिट्री हेलीपैड ऑपरेशनल हो चुका है...200 से ज्यादा लोगों को सेफ जोन में पहुंचाया और रडार टीम भी लगा दी...लेकिन दिक्कत ये है कि चुनौतियों का दायरा बड़ा है..और इनसे निपटने के लिए और ज्यादा मैन पावर की जरूरत होगी...मशीन है..लेकिन धराली तक पहुंचे कैसे...अब इसे लेकर युद्ध स्तर पर काम हो रहा है...ये इंसानी जज्बे बनाम कुदरत की त्रासदी से निपटने की जंग है...जो इन तस्वीरों की शक्ल अख्तियार कर चुकी है.