नागरिकता संशोधन क़ानून यानी CAA को लेकर सरगर्मियां अब भी तेज़ी से जारी हैं. संसद से इस क़ानून में संशोधन होने के बाद पहली बार विपक्षी पार्टियां आज इसके विरोध में एक मंच पर नज़र आईं. दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई इस बैठक में लगभग सभी विपक्षी दलों को न्योता था लेकिन छह प्रमुख पार्टियां इस बैठक में नहीं पहुंचीं. पंद्रह विपक्षी पार्टियों ने नागरिकता संशोधन क़ानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के मुद्दे पर सरकार की कार्रवाइयों का विरोध किया. तृणमूल कांग्रेस, बीएसपी, शिवसेना, डीएमके और समाजवादी पार्टी के नेता इस बैठक में नहीं आए. आम आदमी पार्टी ने कहा कि उसे न्योता ही नहीं दिया गया था लेकिन ये सभी पार्टियां कांग्रेस के साथ अपनी अलग-अलग नाराज़गियों की वजह से बैठक से बाहर रहीं. बीएसपी जहां राजस्थान में अपने सभी छह विधायकों को तोड़ कर कांग्रेस में शामिल किए जाने से नाराज़ थी. वहीं ममता बनर्जी 8 जनवरी को भारत बंद के दौरान कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के कार्यकर्ताओं के साथ तृणमूल के कार्यकर्ताओं की झड़प से नाराज़ थीं.