महाराष्ट्र में तीन 358 ताल्लुकाओं में से 153 ताल्लुकाओं में सूखा घोषित किया गया. और इसका सीधा असर खेती पर पड़ रहा है. लोगों की सहायता करने के लिए आमतौर पर सरकार मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए लोगों को रोजगार देती है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. जिसके बाद सवाल उठने लगे कि सरकार मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए लोगों की सहायता करने में नाकाम क्यों रही.