भारत की पहचान विश्व स्तर पर अभी भी एक कृषि प्रधान देश के तौर पर ही है. आज भी एक बड़ी आबादी रोजी रोटी के लिए खेती-किसानी का काम ही करती है. हालांकि किसानों में भी सभी किसानों की स्थिति एक जैसी नहीं है. छोटे व हाशिये के किसानों की जिंदगी अभी भी एक बड़े संकट का सामना कर रही है. इसी विषय पर एनडीटीवी और #RangDeIndia ने मिलकर किसानों के लिए विशेष टेलीथॉन कार्यक्रम आयोजित किया है. जिसमें खेती, किसानों और उनके आंदोलन पर बात होगी. साथ ही किसानों को कम ब्याज दर पर कर्ज कैसे मिल सकता है इस पर चर्चा होगी. कार्यक्रम में नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी ने कहा कि खेती पर निर्भर रहने वाले बहुत से लोगों की पहचान किसान के तौर पर नहीं होती है.