#RangDe टेलीथॉन में 'रंग दे' की सह संस्थापक और सीईओ स्मिता राम ने बच्चों को शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करने के पीछे की वजह के बारे में बात की. स्मिता राम का मानना है कि शिक्षा एक गेम चेंजर है और पूरी पीढ़ी को गरीबी से बाहर निकाल सकती है. 'रंग दे' के सह-संस्थापक और निदेशक राम एनके ने कहा कि ऐसे भी निजी स्कूल हैं जिनका मासिक शुल्क 1000 रुपये या उससे भी कम है. 1000 रुपये का योगदान देकर कोई किसी छात्र को कम से कम एक महीने की पढ़ाई जारी रखने में मदद कर सकता है.