कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार की कैबिनेट ने सोमवार को लिंगायत को एक अलग धर्म का दर्जा देते हुए केंद्र सरकार से कैबिनेट के इस प्रस्ताव को क़ानूनी दर्जा देने की मांग की है. हालांकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए ये फैसला इतना आसान भी नहीं था. कैबिनेट की बैठक में काफी नोंकझोंक हुई क्योंकि चार लिंगायत मंत्रियों में से दो इसके पक्ष में थे तो दो इसके विरोध में. कुछ ऐसा ही विरोध और समर्थन सड़कों पर भी दिखा. जहां बेंगलुरु में लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा मिलने की खुशी में जश्न मनाया गया वहीं गुलबर्गा में इस फैसले का समर्थन और विरोध कर रहे लोग आपस में भिड़ गए. पुलिस को इन्हें क़ाबू में लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.