केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोरोना वॉरियर्स से बदसलूकी के मुद्दे पर कहा, '18-19 मामले भारत में हुए, जहां डॉक्टरों-नर्सों के साथ बदसलूकी की गई. इन मामलों की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए हमारी कैबिनेट ने 1897 के एपिडेमिक एक्ट में एक संशोधन करके इस बात को सुनिश्चित किया है कि किसी भी महामारी के दौरान अगर किसी हेल्थ प्रोफेशनल्स के साथ किसी भी प्रकार का हैरेसमेंट, दुर्व्यवहार की घटना होगी, तो उसकी शिकायत होने पर एक महीने के अंदर SHO लेवल का अधिकारी उसकी जांच करेगा. दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की सजा मिलेगी.'