एक खबर है हैरदाबाद की. एक पिता ने कहा है कि मरने से पहले उसके बेटे ने एक मैसेज भेजा था कि ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. अब आप कल्पना कीजिए कि एक बाप को यह जानकारी तब मिले जब वह बेटे का अंतिम संस्कार कर घर लौटे हों. मोबाइल ऑन करे और उसमें बेटे का रिकॉर्ड किया हुआ वीडियो मैसेज दिखे. उसमें बेटा कह रहा हो कि मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं. कई बार बोला है. जाहिर है अस्पताल वालों को. लेकिन पिछले तीन घंटे से ऑक्सीजन नहीं दिया है. मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं. बाय बाय डैडी. सबको बाय डैडी.