दो दिन हर तरफ़ युद्ध-युद्ध का शोर सुनाई पड़ता रहा. लगा कि हर कोई युद्ध लड़ने को बेताब है. जब पहली बार यह ख़बर आई कि विंग कमांडर अभिनंदन को पाक सेना ने गिरफ़्तार कर लिया है तो पहली बार युद्ध के अंदेशे की कुछ भयावहता समझ में आई. आज उनकी रिहाई की ख़बर आते ही जैसे सबने एक लंबी राहत की सांस ली. ये सांस बस अपने विंग कमांडर के लिए ही नहीं थी, इस अंदेशे के कुछ टलने के लिए भी थी कि दोनों देश युद्ध के कगार पर आ खड़े हुए हैं.