मालेगांव के आतंकवादी हमले की आरोपी और बीजेपी की उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने जब नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया तो बीजेपी ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि वो उन्हें मन से कभी माफ़ नहीं कर पाएंगे. लेकिन जब तक प्रधानमंत्री का बयान आता, तब तक बीजेपी के भीतर से प्रज्ञा ठाकुर और नाथूराम गोडसे के पक्ष में कई बयान आ चुके थे. बयान देने वालों में मोदी सरकार के मंत्री अनंत कुमार हेगड़े भी थे जिन्होंने बाद में जल्दी-जल्दी अपना ट्वीट डिलीट किया. दरअसल प्रज्ञा ठाकुर ने वही कहा जो उनको संघ की विचारधारा अरसे से सिखाती रही है. बहुत सारे लोगों को बताया गया है कि गांधी असल में देश को नुक़सान पहुंचा रहे थे और गोडसे ने इस वजह से उन्हें गोली मारी. एक दौर में नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल गोडसे की लिखी किताब 'गांधी वध क्यों' ये लोग खूब बांटा और पढ़ा करते थे. इन्हीं सब का नतीजा है कि देश में कई जगहों पर नाथूराम गोडसे के मंदिर बनाए गए हैं, उसकी पूजा होती है. कल भी उसके जन्मदिन पर मेरठ और सूरत में हिंदू महासभा के लोगों ने उनकी पूजा की. ये हिंदू महासभा वही है जिससे गोडसे जुड़ा हुआ था. अफ़सोस की बात ये है कि गोडसे की पूजा का ये काम सूरत में उस हनुमान के मंदिर में किया गया जो करोड़ों हिंदुओं के आराध्य देवता हैं. मामला सामने आने पर पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया है. लेकिन ये पूजा फिर से याद दिलाती है कि प्रधानमंत्री चाहे मन से जितने दुखी हों, जो विचारधारा उनका समर्थन करती है, वह गांधी नहीं, गोडसे के पीछे-पीछे चलना पसंद करती है.