चेन्नई में पानी का संकट गहरा गया है. चेन्नी में वैसे ही कम बारिश होती है लेकिन बिल्कुल नहीं होने के कारण पानी का संकट गहरा गया है. शहर के पास पानी का अपना कोई सोर्स नहीं बचा है. हालत यहै कि चेन्नई मेट्रो ने एसी बंद कर दिया है. चेन्नई मेट्रो मे हर दिन 9000 लीटर पानी की खपत होती है. चेन्नई शहर में चार झीलें हैं. इन सबका जलस्तर 70 साल में सबसे नीचे चला गया है. शहर में 5000 पानी के टैंकर दौड़ रहे हैं. पूरा चेन्नई पानी के टैंकर पर जी रहा है. इस कारण आस पास के ज़िलों में भी जल स्तर नीचे चला गया है. नलों में पानी नहीं आ रहा है. शहर में पानी की आपूर्ति में 40 प्रतिशत की कटौती की गई है. लोगों को पानी के लिए तीन तीन घंटे लाइन में लगने पड़ रहे हैं. शानदार से लगने वाले अपार्टमेंट भी सूखे पड़े हैं. उनका काम भी पानी के टैंकर से चल रहा है. क्या गरीब और क्या अमीर सबको पानी ने एक लाइन में लाकर खड़ा कर दिया है. पानी खरीदने में लोगों को 1500 से 2000 तक खर्च करने पड़ रहे हैं. 2018 में नीति आयोग ने कहा था कि आने वाले दशकों में चेन्नई में ताज़े पानी का सोर्स खत्म हो जाएगा. पानी ही नहीं होगा. जो पानी है वो भी पीने योग्य नहीं रहा. आबादी बढ़ने से और प्रदूषण से चेन्नई में जल संसाधन सिकुड़ गया है.