सुधा भारद्वाज, आनंद तेलतुंबड़े,वरवरा राव और अरुण फरेरा, गोतम नवलखा के घर जब छापेमारी हुई तब यह बात भी सामने आई कि पुलिस ने किताबों को लेकर पूछताछ की है. छापे में कुछ किताबें भी साथ लेकर गई है. उसके बाद कई लोग सोशल मीडिया में लिखने लगे कि मैं भगत सिंह को पढ़ता हूं तो क्या मैं जेल भेज दिया जाऊंगा. मुझे लगा कि इस डर से कहीं ये माहौल न बन जाए कि किताब रखना कोई कानूनी जुर्म है. ऐसा बिल्कुल नहीं है. भारत में किताब पढ़ने वालों की विशाल दुनिया है. इस दुनिया में एक से एक पाठक हैं जो अपने जीवन की पूरी कमाई किताब ख़रीदने और पढ़ने में लगा देते हैं. आइये आपको एक ऐसे ही शानदार पाठक से मिलाते हैं.