नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर ऐसे मुद्दे हैं जिन्होंने पूरे देश को मथ कर रख दिया है.कोई भी क्षेत्र, कोई भी दायरा ऐसा नहीं है जो इस मुद्दे से अछूता रहा हो. फिल्म जगत में तो इस मुद्दे ने साफ़ साफ़ लकीरें खींच दी हैं. कुछ अभिनेता, फिल्मकार ऐसे हैं जिन्होंने ये बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी है कि वो इस क़ानून के पूरी तरह ख़िलाफ़ हैं तो कुछ ऐसे हैं जो इस क़ानून के समर्थन में सोशल मीडिया से लेकर प्रेस कांफ्रेंस तक सब कर रहे हैं. इस सबके बीच बॉलीवुड का एक बड़ा तबका वो भी है जो चुप्पी साधे बैठा है.दरअसल उनकी ये चुप्पी रणनीतिक है.वो समझते हैं कि उनके पास खोने को काफ़ी कुछ है इसलिए चुप रहना ही बेहतर है.और इस श्रेणी में एक दो नहीं कई अभिनेता आते हैं जो फिल्म जगत के बड़े सितारे हैं या सितारे रहे हैं.फिल्मी आसमान के इन सितारों की चमक इस मुद्दे पर फीकी सी दिख रही है.शायद उनके पास खोने को काफ़ी कुछ है.ऐसे ही सितारों पर जाने माने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने चुटकी ली है.द वायर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस मुद्दे पर विस्तार से अपनी राय रखी.जेएनयू के छात्रों के समर्थन में जाने वाली दीपिका पादुकोण की हिम्मत की उन्होंने खुलकर तारीफ़ की और कहा कि हो सकता है उन्हें इससे अभी कुछ आर्थिक नुकसान हो लेकिन बाद में ये बात सब भूल जाएंगे क्योंकि बॉलीवुड में सिर्फ़ एक ही चीज़ की पूजा होती है.