बेंगलुरु को कभी झीलों का शहर कहते थे. सौ साल पहले वहां 850 झीलें थीं. अब भी सौ झीलें हैं. लेकिन ज़्यादातर झीलों का पानी इस्तेमाल के लायक नहीं बचा है. वहां झीलों में झाग एक ख़ूबसूरत लेकिन ख़तरनाक नजारा बनाता है. अब हाइकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि शहर में कितनी झीलें हैं और किस हाल में हैं. देखने में ये बहुत खूबसूरत लगता है, लेकिन असल में ये खतरनाक है. इसकी वजह से इन झीलों का पानी न पीने लायक रह जाता है और न ही सिंचाई के लायक है. शहर की आबादी 1 करोड़ 30 लाख के आस-पास पहुंच चुकी हैं. ऐसे मे ये बदहाली आने वाले दिनों में पीने के पानी की क़िल्लत की वजह बन सकती है.