केंद्र सरकार ने एम्स के सीवीओ संजीव चतुवर्देी को पद से हटाते समय यह दलील दी कि उनकी नियुक्ति के लिए सीवीसी की अनुमति जरूरी है और कोई ज्वाइंट सेक्रेटरी या उससे ऊंचे ओहदे का अधिकारी ही सीवीओ हो सकता है। लेकिन सच्चाई इस दावे के उलट है। न तो विजिलेंस कमीशन का मेनुअल और न ही सीवीसी की ओर से दी गई संस्थानों की लिस्ट चतुर्वेदी को सीवीओ बनने से रोकती है।