सूखा महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है, वो बिहार में भी खेतों की दरारों में दिख रहा है, सूखे हुए तालाबों में दिख रहा है, लोगों की प्यास में दिख रहा है, टैंकरों के कारोबार में दिख रहा है. शहरों में जो पीने के पानी की किल्लत है, गांवों में वो खेती, जानवर, आदमी सबके संकट में बदली हुई है. राज्य के 25 ज़िलों के 280 प्रखंडों को सरकार ने सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है, लेकिन कहीं कोई राहत नहीं दिख रही. सबको इंतज़ार है कि मॉनसून आए, पानी बरसे और पानी का संकट दूर हो.