उत्‍तराखंड में भारी बारिश से हुई तबाही का गृह मंत्री अमित शाह ने किया हवाई सर्वेक्षण

अमित शाह ने कहा कि 16 तारीख को 2:30 से 3:00 बजे ही भारत सरकार ने राज्य सरकार को चेतावनी जारी कर दी थी इस वजह से जान की हानि कम हुई है

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गृह मंत्री अमित शाह ने उत्‍तराखंड में बाढ़ से हुई तबाही का जायजा लिया

Uttarakhand : उत्‍तराखंड (Uttarakhand) में भारी बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. बाढ़ और बारिश (Flood and Heavy Rain) के कारण राज्‍य में अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. तकरीबन 4000 गांव बाढ़ में बुरी तरह से घिरे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों का करीब 2 घंटे 'एरियल सर्वे' किया. उन्‍होंने कहा, 'मैंने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों का करीब 2 घंटे Aerial सर्वे किया है. भारत सरकार की तरफ से समय पर राज्य प्रशासन को चेतावनी दी गई थी और इस वजह से जान माल का नुकसान बाढ़ की त्रासदी में कम हुआ है.उत्तराखंड में अब तक 64 दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई है जबकि11 से ज्यादा लोग लापता हैं.'

शाह ने कहा कि 16 तारीख को 2:30 से 3:00 बजे ही भारत सरकार ने राज्य सरकार को चेतावनी जारी कर दी थी इस वजह से जान की हानि कम हुई है चार धाम के यात्रियों को भी समय पर रोका गया. अब यात्रा शुरू कर दी गई है. 'उन्‍होंने बताया कि ज्यादा सड़कें खुल गई है, रेलवे ट्रैक के रिपेयर का काम भी शुरू हो चुका है. 60% से ज्यादा इलाकों में बिजली बहाल कर दी गई है. कई इलाकों में पावर स्‍टेशन्‍स डूब गए हैं उन्हें जल्दी भी शुरू किया जाएगा जबकि 80% से ज्यादा टेलीफोन लाइनें बहाल हो गई हैं. गृह मंत्री ने बताया कि तीन-चार जगह पर पहाड़ काटकर रास्ता बनाना पड़ेगा क्योंकि भूस्खलन के कारण सड़कें बह गई हैं.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गुरुवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया. राज्य सरकार ने आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. वहीं जिन लोगों के घर आपदा में नष्‍ट हो गए हैं उन्‍हें 1.90 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. किसानों के साथ ही बाढ़ व भूस्‍खलन में अपने मवेशियों को खोने वालों की भी मदद की जाएगी. उत्तराखंड के अल्मोड़ा और रानीखेत के इलाके भूस्खलन और सड़कें टूटने की वजह से अब भी कटे हुए हैं. रानीखेत में इंधन की सप्लाई इमरजेंसी सेवाओं के लिए सीमित कर दी गई है. कई इलाकों में फोन और इंटरनेट सेवायें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. सबसे ज्यादा नुकसान दूरदराज के गांवों में हुआ है, जहां सड़कें टूट जाने से राहत बचाव सामग्री पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

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