उत्तराखंड के 7 जिलों में 5 अगस्त को भारी बारिश का ऑरेज अलर्ट, 6 जिलों के स्कूलों में छुट्टी घोषित

देहरादून भले ही राजधानी बना दी गई हो, लेकिन यहां ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है. यहां कभी 83 नहरें हुआ करती थी, जिससे शहर का पानी आराम से निकल जाता था, लेकिन आज इन सभी नहरों को अंडरग्राउंड कर दिया गया है, पानी कहीं निकल नहीं पा रहा है.

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देहरादून:

उत्तराखंड में मौसम विभाग ने 5 अगस्त को भारी बारिश का ऑरेज अलर्ट जारी किया है. सात जिले नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी और देहरादून में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. भारी बारिश की संभावना को देखते हुए छह जिलों के डीएम ने स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है. देहरादून, उधमसिंह नगर, हरिद्वार, चंपावत, पौड़ी और टिहरी के सभी स्कूलों में 5 अगस्त को छुट्टी रहेगी.

उत्तराखंड में इस वक्त भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. जगह-जगह जल भराव की स्थिति हो गई है. नदियां तूफान पर है, चाहे वो गंगा हो, अलकनंदा हो, भागीरथी हो या फिर यमुना. सब जगह नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है और खतरे के निशान के पास पहुंच गया है. राजधानी देहरादून में कई जगहों पर और कई रिहायशी कॉलोनी तक में पानी भर गया है. लोगों के घरों में पानी घुस गया है. देहरादून के प्रियदर्शनी एन्क्लेव में भी जल भराव से बुरा हाल है.लोगों के ड्राइंग रूम, किचन, डाइनिंग हॉल और बेडरूम तक में पानी भर गया है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 2 साल से इसी तरह से हालत हैं, न नगर निगम देख रहा है और न ही सरकार. स्थानीय विधायक भी इस बारे में चुप हैं, बस हर बार आश्वासन देते हैं कि इस समस्या का जल्द ही समाधान कर दिया जाएगा, लेकिन समाधान अभी तक नहीं हुआ है.

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देहरादून की कैंट विधानसभा में मौजूद प्रियदर्शनी एन्क्लेव में लोगों से जब एनडीटीवी ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात का डर है कि पानी ज्यादा दिन रहा तो न सिर्फ बीमारियां होंगी, बल्कि घर की नींव भी कच्ची हो सकती है और गिर सकता है.

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वैसे उत्तराखंड में जहां हर जगह तेजी से जंगल काटकर कंक्रीट के निर्माण हो रहे हैं और रिहायशी कॉलोनियां बस रही हैं, वहीं पानी की निकासी यानी ड्रेनेज सिस्टम का इंतजाम बिल्कुल खराब है.

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देहरादून भले ही राजधानी बना दी गई हो, लेकिन यहां ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है. यहां कभी 83 नहरें हुआ करती थी, जिससे शहर का पानी आराम से निकल जाता था, लेकिन आज इन सभी नहरों को अंडरग्राउंड कर दिया गया है, पानी कहीं निकल नहीं पा रहा है. नगर निगम ने नालियां जरूर बनाई, लेकिन नालियों में मिट्टी और अन्य कचरा जमा है, जिससे पानी नालियों की बजाय सड़कों पर बह रही है. यही वजह है कि कई रिहायशी इलाके पानी में डूबे हुए हैं.

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