उत्तराखंड: चारधाम यात्रा में भारी पड़ेगा प्‍लास्टिक का उपयोग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बनाई ये रणनीति

चारधाम यात्रा के दौरान पिछले कुछ सालों से ऐसी तस्‍वीरें सामने आ रही हैं, जहां यात्रा रूट पर प्लस्टिक का कचरा चारों तरफ फैला देखा गया है. इससे निपटने के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्लान बनाया है, जिसमें तीन तरह की रणनीतियों पर काम करने का दावा है.

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चार धाम यात्रा में प्‍लास्टिक कचरे से निजात के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रणनीति बनाई है.
नई दिल्‍ली :

देश में प्‍लास्टिक का कचरा लगातार बढ़ रहा है और यह पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है. पर्वतीय इलाके भी प्‍लास्टिक कचरे की चपेट में हैं. हालांकि अब चारधाम यात्रा को प्‍लास्टिक मुक्‍त बनाए जाने के लिए उत्तराखंड के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कड़े कदम उठाने जा रहा है. अब सिंगल यूज़ प्लास्टिक उपयोग करने वालों पर न सिर्फ कार्रवाई होगी बल्कि जुर्माना भी लगाया जाएगा, जिससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके. 

चारधाम यात्रा के दौरान पिछले कुछ सालों से ऐसी तस्‍वीरें सामने आ रही हैं, जहां यात्रा रूट पर प्लास्टिक का कचरा चारों तरफ फैला देखा गया है और इस कचरे में प्लास्टिक की बोतल, पॉलीथिन और बैग्स पड़े नजर आते हैं, जो पर्यावरण के साथ मवेशियों के लिए खतरा बन गए हैं. इसी खतरे से निपटने के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्लान बनाया है, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तीन तरह की रणनीतियों पर काम करने का दावा कर रहा है. इनके तहत उत्तराखंड में आने वाले चारों धामों में श्रद्धालु न‍ सिर्फ प्लास्टिक फ्री यात्रा बनाने बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने में अहम योगदान के लिए भी काम कर सकेंगे. 

लोगों को जागरूकता अभियान से जोड़ा जाएगा: धकाते

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि प्लास्टिक का कचरा ना हो इसके लिए लोगों को जागरूकता अभियान से जोड़ेंगे. न सिर्फ उत्तराखंड आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को इस अभियान से जोड़ा जाएगा बल्कि राज्य के लोगों को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा, जिससे चारों धामों के साथ उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र को प्लास्टिक से मुक्त रखा जाए. इसके अलावा सभी को जानकारी दी जाएगी कि प्लास्टिक पर्यावरण के साथ मवेशियों और खुद मानव समाज के लिए कितना खतरनाक है. 

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वाहनों में कचरा बैग की अनिवार्यता लागू करेंगे: धकाते

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी दूसरी रणनीति में टैक्सी चालकों और श्रद्धालुओं को वाहनों में कचरे के लिए बैग की अनिवार्यता को लागू करेगा, जिससे श्रद्धालु प्लास्टिक का कचरा और अन्य तरह के कचरे को सड़क मार्ग या फिर सार्वजनिक स्थानों पर ना डालें. इसके अलावा क्लॉथ बैग मशीन भी चारधाम यात्रा रूट पर उपलब्ध कराई जाएगी. यात्रा में आने वाले स्थानीय लोगों के साथ श्रद्धालुओं को प्लास्टिक की बोतलों के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे आम लोग और श्रद्धालु प्लास्टिक की बोतलों को यात्रा रूट पर लगी मशीनों में वापस जमा कर कुछ पैसे ले सकते हैं. 

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जुर्माने के अलावा कानूनी कार्रवाई भी संभव

धकाते ने कहा कि इन सब उपायों के बाद अगर कोई सिंगल यूज प्लास्टिक अपने साथ लेकर आता है और प्लास्टिक का कचरा फैलता है तो उस पर 500 से लेकर हजारों रुपए तक के जुर्माने के रूप में कार्रवाई हो सकती है. इसके अलावा अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. 

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अब ये देखना होगा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपने नियम कितने कड़ाई से लागू कर पाता है, लेकिन अगर पर्यावरण को सुरक्षित रखना है तो इसकी जिम्मेदारी आम लोगों को लेनी होगी. 

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