एक ऑपरेशन कालनेमि: 4 हजार से अधिक सत्यापन, एक बांग्लादेशी समेत 300 से ज्यादा गिरफ्तार

उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में संचालित किया जा रहा है. ऑपरेशन कालनेमि के तहत लगातार कार्रवाई जारी है, और इसका सबसे अधिक प्रभाव उन जिलों में देखा जा रहा है जहां बाहरी तत्वों की सक्रियता की सूचना प्राप्त हुई थी. हरिद्वार जिले में 2301 लोगों का सत्यापन किया गया और 162 गिरफ्तारियां हुईं

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  • ऑपरेशन कालनेमि के तहत अब तक चार हजार से अधिक व्यक्तियों का सत्यापन किया जा चुका है.
  • अभियान 13 जिलों में संचालित है, जिसमें हरिद्वार, देहरादून और उधम सिंह नगर जिलों में सबसे अधिक कार्रवाई हुई है
  • हरिद्वार जिले में 2301 लोगों का सत्यापन और 162 गिरफ्तारियां हुईं.
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देहरादून:

उत्तराखंड में फर्जी बाबाओं और साधु-संतों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन कालनेमि के तहत अब तक 4000 से अधिक लोगों का सत्यापन किया गया है. इस अभियान में एक बांग्लादेशी नागरिक सहित 300 से ज्यादा व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.

यह अभियान उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में संचालित किया जा रहा है. ऑपरेशन कालनेमि के तहत लगातार कार्रवाई जारी है, और इसका सबसे अधिक प्रभाव उन जिलों में देखा जा रहा है जहां बाहरी तत्वों की सक्रियता की सूचना प्राप्त हुई थी. हरिद्वार जिले में 2301 लोगों का सत्यापन किया गया और 162 गिरफ्तारियां हुईं, देहरादून में 865 सत्यापन और 113 गिरफ्तारियां, जबकि उधम सिंह नगर में 167 सत्यापन और 17 गिरफ्तारियां की गई हैं. प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी यह अभियान निरंतर जारी है.

राज्य सरकार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि देवभूमि की छवि को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. पहचान छिपाकर ठगी करने, अवैध गतिविधियों में शामिल होने या धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. देहरादून में इस अभियान के तहत एक बांग्लादेशी नागरिक को भी गिरफ्तार किया गया, जो अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऑपरेशन कालनेमि के बारे में कहा कि उत्तराखंड के मूल स्वरूप और सांस्कृतिक पहचान के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी. राज्य सरकार देवभूमि के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप को संरक्षित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी. यह अभियान उन असामाजिक तत्वों पर नकेल कस रहा है जो सनातन संस्कृति की आड़ में ठगी और धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग कर रहे थे. राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि देवभूमि के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
 

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